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विषय
७३ अग्राह्य लवण - परिभोग-परिष्ठापन की विधि
७४-७५ रुग्ण परिचर्या में माया का वर्जन १४८
७६ सात प्रकार की पिण्डपणा
७७ सात प्रकार की पानैषणा
सूत्र
शय्यैषणा द्वितीय अध्ययन
:
८०-८४ पुरुषान्तरकृत उपाश्रय ८५ ऊँचे उपाश्रय में निवास का
निषेध ८६-९१ सागारिक उपाश्रय का निषेध
९२-९५ गृहस्थ संसक्त उपाश्रय में दोषोत्पत्ति
९७-१०६ नवविध शय्या - विवेक
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पृष्ठ
९६ सदोष - निर्दोष स्थान का विवेक
१४४
७८ जीव-जन्तुरहित उपाश्रय-एपणा १६१
७९ उपाश्रय - एषणा औद्देशिक निषेध
१५०
१५५
१५९-२२५
१६३
१६३
१६९
१७२
१८१
१८६
१८६
:
१०७ सदोष उपाश्रय गृहस्थ का कपट व्यवहार
१०८ उपाश्रय ग्रहण में विवेक कैसे रखें ? २०४
२०१
Sutra
Subject
73 Procedure of Using or
Rejecting Unacceptable
Salt
( २० )
74-75 Censure of Deceit while Nursing
76 Seven Types of
Pindaishanas
77 Seven Types of
Panaishanas
Pages
80-84 Used Upashraya
85 Censure of Stay in Lofty Upashraya
146
Shaiyyaishana: Second Chapter 159-225
78 Search for Upashraya Free of Creatures
79 Censure of the Inten tionally Built
For Private & Personal Use Only
148
153
156
161
163
164
86-91 Censure of Living in
Inhabited Upashraya
92-95 Faults at Inhabited Upashraya
96 Prudence about Faulty and Faultless Place 97-106 Nine Types of Prudence of Stay
107 Upashraya with Flows:
Deception by Householder
108 How to be Prudent about Accepting an Upashraya ? 205
170
173
181
186
187
202
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