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________________ दिव्य जगत - वीरायतन पालीताना वीरायतन – पालीताणा, गुजरात, भारत Veerayatanpalitana@gmail.com एक ऐसा शाश्वत सत्य जो जीवनको वस्तुतः परम सुख का अनुभव करा सकता है। उस सत्य का बोध लेना आज की दुनिया के लिए महती आवश्यकता है । इस बात को समझने में अगर मनुष्य चुक जायेगा तो सर्व विदित है कि मनुष्यजाति का प्रवाह किस दिशामें बह रहा है । इसे रोकना जरूरी है । मनुष्य अत्यंत नृशंस हो गया है । प्रकृति के साथ के संबंध क्रुरतासे भरे हुये है। इतना ही नहि, मनुष्य जाति के परस्पर के संबंधो की आधार शिला अविश्वास पर टिकी है। और सुख की तलाशमें मनुष्य बेतहाशा इधर उधर दौड रहा है। किसी एक व्यक्ति का प्रश्न नहीं, समग्र मानव जाति त्रस्त है, बेहोश है। तीर्थंकरों का दिव्य संदेश ही इस दुनिया के लिए उध्धारक बन सकता है। आचार्य श्री चंदनाजी अपनी अनुपम नई अवधारणा के साथ एक ऐसी दुनिया का निर्माण पालीताना में करने जा रही है जहां से व्यक्ति अपने जीवनमें सुख की चावी प्राप्त कर सकेगा। यहां पहली बार उस परम सत्य को उजागर करने का अद्भूत निर्माण हो रहा है, शाश्वत तीर्थ पालीतानामें ! सौभाग्य है अपने जीवन काल में इस महान कार्यमें सहयोग देने का एवं उसके साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। ane SAMARPAN - DEDICATION
SR No.007629
Book TitleSamarpan Dedication Badi Diksha of Sadhvi Sanghmitraji
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJAINA Education Committee
PublisherVeerayatan
Publication Year2012
Total Pages50
LanguageEnglish, Prakrit, Hindi
ClassificationBook_English
File Size3 MB
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