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सावियाणति सत्तमं ठाणं ॥ कर्मग्रन्थ-मागधी....... धम्मिलचरित्र-मागधी....
मध्ये|| भणियं धाम्मल तुमई--जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे भरुयछ नाम नयर तच्चय [तत्थय राया जियसत्तूनामा भज्जा य से धारिणी नाम तत्थय नयरे वईकुल ----
कल्पसूत्रम्-मागधी Begins
॥ तेणें कालेणं तेणं समएण Ends
भुज्जो २ उवदंसे इत्ति बेमि ।। पज्जोसवणाकप्पो सम्मत्तो॥ -कालिकाचार्यकथा-मागधी
महेश्वरसूरिः Begins
|| पडिसिद्धमि कुणतो आणाए दव्वखेतकालस्स || सिज्झइ विसुद्धभावो कालियसूरिव्व जं भाणियम् ||१|| Endsनित्यं सकालकः ।। ५२ ॥ इति श्रीपालीलगछे महेश्वरसूरभिर्विरचिते कालिकाचार्यकथा समाप्ता ।। नृपविक्रमकालातीत सं० २३६५ वर्षे भाद्रपदेकल्पसूत्रम्-मागधी ........
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॥ई नमः सर्वज्ञाय ॥ | तेणं कालेण तेणं समएण समणे भगवं महावीरे पंचहत्तुतरे हुत्था तंजहा
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