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जिनभद्रगणिः
( 26 )
Ends
सइभएण जमाली पुवोगहिय हवइ गोविंदो । संसाम्गि सागभिक्ख गोठामहिलाभिनिवेसे ॥१०॥ धर्मोपदेशमालाप्रकरणं सम्मत्तं ॥ -क्षेत्रसमासप्रकरणम् ......... Begins - नमिउण सजलजलहरनिभस्स णं वद्धमाणजिणवसभम् ।।
समयखेतसमासं वोछामि गुरुवएसेण ॥१॥ Endsजंबूद्दीवोल्लक्खं खेतसमासस्स पढमउद्देसो ।। पढणे जाणसमतो ताण समत्ताइ टुक्खाई || ९०॥ क्षेत्रसमासप्रकरणं समाप्तमिति || -संग्रहणी......... Beginsनिठवियअठकम वीर नमिउण तिगरणविमुद्धम् ।।
नाणमणंतमहत्थं तासंगहणिनामेण ||॥ Ends
बेमि यव सुयहरेहिं तहेव सुयदेवया एक ॥९॥ -कर्मस्तवः Begins| ॥ नमिउणजिणवारद॥
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जिनभद्रगणिः
[जिनवल्लभः] | ... | ... | ... | ... |