________________
रायपसेणी |
, गाड़ परिवार पव्वहगाउ उव्वावविरुवरुवा बावीसपरीसह वस
+
वासे भवित मट्ठ यारा
गागामकटका २ चरिमेहि उसास aurat aorta बुभिहिति मुचिर परिनिव्वाहि सव्व दुक्खाय अतकरेहि सेबभते सेव भवेति भगव गोवमे समा भगव महावीरे वदति नमसित्ता सजमेण aaur अध्वाण भावे माणे विहरति नमोजिणाण जियभवाण नमोसु यदेववाण भगव are नमोणत्तीए नमो भगवड अरहतो पस्ते सुपस्त वणीए मो रायपसेणइव सूत्र सम्मत्त गु घागु व २२२० इति श्रीराज प्रधीय मूल
ते होलनानि सङ्घता सद्भूतहीलनजात्याद्युध्वटानि । परीचेडुगुप्साभाषणानि ख्रिसनानिधि त्यादिवाक्यानि तर्जनानि अष्गुल्यानिक्षेप रुरस्सर नईत्सनानि ताडताति कमादि
वियेतादिक पराभवनु करवु प्रवृथनीपाडानु करव मोटानाहना अनेकरूपी चध्यादिकदावीस fine arts उपसर्ग कहाकि द्रयानीखभावनिऊभराठाइद्र जेहनउद्यर्थिप बावासपरीसङ्घोषसगु' प्रति श्रहिवासाइड तयर्थप्रति आराधरवड आराधीनइ छेवलइ ऊसासनी सासि सीझसङ्कृतार्थयामइ केवलजानिकारीसकलजानिकरी सकलार्थ जागसि सकलकभइ मू कासइ कनङ्ककीधुसतापतेहटालवीयका अत्यतटालटउस सकलदुखशारीरानधीमान सर्तहनु त श्रगामीकभवक हद्रथकद्र गोतमम्वामीकहइछइ एह इनज ऐपूज्य एह
करस्य मूयामदेव shenar Har Har Ansवीरप्रति वाद नमस्कारकरीनड स्वमर तकरी अप'याआत्माप्रात भावतु घकउ विचरछद्र हवइधमारवामीकाहिहि नमस्कारधाउ चिनीतराग भणी तेकेहवाकइजेद्यइसातमाभयजात्याकडू क्लीनमस्कारधाउ श्रुतदेवाभीभगवत्सावाभिपी dheeros पूज्य नमस्कारथाउ प्रज्ञप्तिभया अनेकभावनीकरणहारी नमस्कारधाउ भगवत भणोपूज्यभ्यपी ग्रहतभणीचसहिद्रनपूज्यनीदाभणी ते भगवती के हवाइड बाग्री प्रदेसीराजाइ atara सवती किऊपजीवता छे ते हमणीनमम्वारघाट श्रीपाइदरमुका श्रीसमरच द्रमूर्पिट्टाज्जीतकर श्रीराजचद्रमूरिविजय मानेक ऋपि श्रीश्रवणाय शिष्ये दाव राजेन राजप्रश्नीगृसरयटदार्थकृत अस्यैव टीकागु धातरच विलोक्य लिपितिमिद यदि मादा safaa मध्यानावसोधनीयचधाघनैरिनिवार्यस्यगु थमान मूववृत्ति पाचनडवीसुद्ध ७०००८ श्रीसभवतु वल्याण मय श्रीरस, लिपत श्री ६ श्री पूज्यते, दिद श्रीधनराजजी पाटिङ सानकारक भी ६ श्री श्री श्री १०८ श्रीमयुक्त श्री ६ श्री
ऋषि
1
,