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________________ रायपसेगी। २८३ भवित्ता अगाराउ अणगारिव पब्बतिम्मति मेण अणगारे भवि स्सति इरियासमिए जाव मुड्य हुवासणेड़व तेयसा जलते तस्मण भगवउ अणुत्तरण नाणेण एव दसगीण वरित गा पालण्या विद्या रेगा अन्झवेण महवेगा लाघवेण खतीण गुत्तो मुत्तीए अणुत्तरेणा सव्व सजम तव सुचरिय फनिहाणमग्गेगा अप्पागा भावमागस्त अगाते अणुत्तरे निवाधाए निरावरणे कसिणे पडिपुणे केवलवरना दसणे समुपज्झिहिति तएगासे भगव परहा केवलीजिणे भविस्मद सदेव मणु आसुरस्स लोगस्स परियाग जाणिहिति पासिहिति तजहा आगतिगति विविवंचगा उचवाय तक पत्याकम पुरेकड सिमावात् । विकालेचरतीति विकालचारी सबसलमतवसुचरियफलनियाणमगणेति सर्वसवम' सर्वात्मना मनोवाक्कायसयमन तस्य सुचरितस्य वाशसादिदीपरहितस्य तपसीयाफल निवाण तन्माण किमुत भवति सर्वसयमन सुचरितत च तपसा निर्वाणग्रहणमनवी निर्वाणफलव गुगर करीपूरी स्थिविरवहशुतत समापदू विशुद्धसम्यग्दर्शनप्रति बूझइ एलिमधुनादर्श चारिवप्रतिपातमस्य विसुद्ध मुडनावसु डहुडून गृहस्थायधकी अणगारपणु जतीपण पाम स्वद तेहदृढपद्रणउ अणगारयररहितयतीहोस्यद दर्वामुमतिम मनु नावत्सदद्रकल्पस्वभग वतनुवर्णकहतेतलुहापणिकहवउ तप रामलीपरिहोसइवधानरतीपर तेजकरीजाज्यल्व मानहासद तपढ़करीवेजपु नहोस्वद तेहनद भगवतनद सर्वोत्कृष्ट जानइ मज सस्कृिष्टद दर्शना चारित थियादिकनदसेवनुउपाययन छाडीनविचारडार पावसायातिएर त गाह उपधिभावथकामारग त्यागतेणइमादवमाननिगृहण लाघवतेहलुयापणुउद्गव्यधकी पल्पनु पधिभावथकागारखवयत्यागतेण्ड पातितक्रोधनिगृह मनोगुमादिक मुक्तनिर्लोभप मटिइ सत्यसाच प्राणिदया तपदवारभेद हनुफल पोचलक्षणतहमागृह अापणीवात्माप्रति भाव ताथकानइदावलज्ञानऊपजस्य तेकेहकुछ हनु अननयी सर्वोत्तम निर्व्याघाततेकटकुटवादि किकरीपलनानपाम तेहनकस्यु आवरणनथी सकलार्थगाहक प्रतिपूर्णतेचद्रमडलनीपरिपीतान्द्र सघल असकरीसहित केवलबहायाप्रधानकेवलज्ञान केवलदर्शन ऊपज तिद्वारपछी तेह भगवत जेधीकादशाननहीते चारही अरहाराम पनातनिलिन केवलमपूर्ण सहीयाज्ञान मदतेहकेवलीएहवाहोस्यद देवसहितमनुप्यलोक अनर अमुरमाहि अधीबापएतलद विमो वनसबधी लीगतापर्याय मनोगतभाव प्रतिज्ञापत्यइजानकरी देवस्यदर्शनकरी कहकर
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
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