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________________ रायपसेणी। मंडियाहि मदेसनेवत्थमहियवेसाइ इगियवितिय पत्थिय विवाणि याहि निउणकुसलीदि विणीयाहि वेडिया चक्ववालवरतमणि वदपरियाल सपरिवडे वरिसवरधर क म महत्तरग वदपरिखित्ते इत्याउ हत्थ साहरिज्ममाणे २ अकाउ अक परिभुममाणे २ उव नविज्झमाणे २ उवागाइभमाणे २ उवलालियमाणे २ उवाहि ज्मामाणे २ अवयासिझमाणे २ परिवदिग्स २ परिवदिग्भमाणे २ परिचूबिय्यमाणे २ रम्ममुमणिकट्टिमतन्नेमुपरगमणा २ गिरकदर मल्लीणे विवचपगवरपायवे निवाघाय सुहमुईण परिवढिस्सद तण्णां दढपणा दारग अम्मापियरो साइरेग अट्ठवास जोयग जाणि त्ता सोभणसि तिहि करणदिवसनक्खत्तमुहूत्त सिगहाय कयवलि कम्मे कयकोउयमगलमायच्चित्त सवालकारभूसियकरत्ता मइया इढि सक्वार समुदएण कलायरियस्स उवणेस्सति तेणसे कला यरिएत दळपण दागलेहीतियाउ गणितप्पहाणाउ सउणस्तपक्ष वसाणाउ वावत्तरिकलाउ सुत्ततोय अस्थउयकरणउसिक्वाहिद परदेसनवेसमडितका पोतानादसनीपहिरवानीगुहि याद वैसनेयी पागलानुमित नयनादि चैप्टामननचितव प्रार्थततवाचित तेहनीज्ञाण निपुण डाहीयारमाहिधजहार किती सहद चैटिकादासीसहनु चक्रवालसमूहवरप्रधान स्वीन दरुपपरिवारतेष परवपथ वषधर कृतिमनए सक कचूकीते प्रतनिर्णवदपुरनुकावकामराजादिक महत्तरस पतपुरख देपरवर थकुनाकार्यचितनाकरणहारतहन एकमधथी बीजादाधी वीजहाथिवीजनक बीमा उत्सगन सुखभोगवतुधकु नवावीतउथकु बालकनइयोग्यगीतवाहतस्य मोडालाला धकार हीयानी भाभलि पालिमानतुघका स्तवातु पूयमातथा तुकसानौरात रमणीकसिमय भूमितलनविपद वालतुथकु पर्वतगुकाई घालनिहिउ चपकवृचनीपरि उक्ट्रहरहित मयत मुपद वधाहबुद्धिपामहद सिद्धारपती तेइठपणाबालकति माविन मा त तिथि करण दिदसनपन महूत नरवियर लानकराड छ जेय धरनादेवपूजा बाधाउकोतुकम्पीसिल कादिकमाउतदपिदिकतडीनप्राय रिलेटरितउपसमावान हेतु जेवइसमममस्तालकाराविधिक TETam की कलाचार्यनद पडितनदा पस्यद्र निधारपो वह सालानाय तेहदप रसनउ जातर 16:
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
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