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________________ रायपसेगा। २३ कमारे मूरियंकताए देवीए एव बुत्ते समाणे सूरिवकताए देवीए एयम नोआढाइ नोपरियाणाइति तुमिणीण्मचिति तणसे भूरियकताए देवीए इमेवारूवे अमरियण समुप्पज्जित्वामण मुग्वि कते कुमार पर्देसिस्सरणो दूम रहस्सभेय करिस्सती तिक्वटू पण सिस्सरणोछिराणागिा मम्मागिरहस्साणि विवराणि अतराणियप जागरेमाणी २ विहरति ततेण मूरियकता देवी अगणवाकवाड पदेसिस्सरगो अतरजाण असण जाव सादम सव्ववत्यधि मल्लालकारसु विसपयोगपड जइ पर्देसिस्सरणोगहायस्स जाव पायच्छित्तस्स सुहासया वरगवस्स त विसमजुत्त असण ४ वध जाव अलकाणिस्सरति २ ततेण तस्स पदेसिस्सरणात विसमजत श्रमण ४ आहारयस्स समाणस्स मरीगसिवेवणा पाउभूपा उज्जला विउलापगाढा कस्वसा कडूय चडा तिव्वा दुस्खा टुग्गा दुरहियासापित्तजरे परिगयसरीरे दाहवकतेयाविवहरति तण्णसे पएसीराया मरियकताए देवीए मणसावि अप्पदुस्समरणे जेणेव उपलाल्पमान' कोड़ादिलालनतया उवाहिज्ममा इति धालिययमान' अवयामेमाणे पालइजराराज्यनीथासीमाकरतुधका राज्यपालनुधकु विचरवउ तिहारमकी मरवाद कमर मूयिकता देवीन इम कहिथकर सूरीयकता देवीन एइवचन अादर नसामल प्रपाबीलड धकरहइ तिद्धारपछी तेहमरीयकताना देवीन एहवद सकल्प उपनउ रपे सूर्यकांत मार पदमीनद रायन' पहरहसनुभेदमर्मनीवाला करिसद एहविचारी प्रदेसी रायना कि मर्म एकातठाम विचालउ आनम्मरामति जीतायकी विचरछद्र तिहारपछी मूरीयकता देवी कोडक समद मदेसी रायनु अतर ज्ञाणउ अन्तयाणी खादिम स्वादिम सर्वबाव मध पलमाल पाभर नद्रविपद रिपनुप्रयागगुयज्ञाब्यायार प्रदेसीरावनद म्नानकरीदेवपूना दुम्बामनिवारवाल पनद चिमिपीतिलकादिकतेहीज प्राचिनको मूपडू आसपा प्राचीव ठउ एहवान्ह विषमयू असणादिका वम फूलमाला प्राभरणलक्षार याणीदेड तिहारपछी तेह प्रदेसी राय नद तेह'वषममा अनादिक च्यार आहार करवानद सरीरनविपद वंदना प्रगटहद तेसवेदना कहवीर्छउ जलीयमानमा विस्तीर्थद आसमरीत्यापागाटी करवतनीपरिविरोधमा कमल वरसवत् रुद्रख्यो नित्वमनुष्यनपाउद दुखरूप उलघतादीहिला दुखसमीसका पिता
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
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