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________________ रायपमेणी। मुहे अट्टम्भाणोवगए भूमोगवदीहाएभियाद ततेगाते पुरिसा कट्ठाइ छिद ति २ जेणेव से पुरिसे तेणेव उवागच्छद्र २ त पुरिस उइव मणसकप्प जावम्भिवाइ माणा पासति २ एव वयासी किरण तुम्ह देवाणुप्पिया उहवमण सकप्पे जावन्भिया इति तएणसे पुरिसे एव वयासी तुन्भे देवाणुप्पिया कट्ठाण अडवि अणुवि समाणे मम एव वयासी अम्हेगण देवाणुप्पिया कट्ठाण अडवि जाव अणुपविट्ठा ततेण अह तउमुहुत्तरस्स तुभ असण महिमि तिकट न गोव जोड यभाणे जावभिवामि ततेण तेसि पुरिसाण एगे पुरिसण छेइदखे पढे जाव उवए सलहे ते पुरिसे एव वधासी गछहण तुमे देवागा प्पियागहाया कयबलिकम्मा जाव हब्ब मागच्छह जाण अह तुम्भ असण साहेमि त्तिकः परियर वधति र परमु गिराहदसरगिरहेइ अरणि करे सरएण अरणि महेदू २ जोइ पाडेद जोद मधूखेड २ शुक्ले प्रभाते रत्तासोगेत्यादि रताशोकस्य प्रकाश प्रभा साच किसक च पलाशप्प शुकमुख व गुलाफलविशेपो रक्तकृप्यस्तदर्थ च तानि तेपा सदृशे भारततया समानकमलागरनलिपि दोधुशेद भूपलदरातहथउदेद शात्त ध्यानिप्राप्तव्यकउ भूमीनदविषद प्राप्त दृष्टिजेहना एवथकु पात धानकरदछ तिद्वारपछी तेह अटवीनाजीमहार पुरुष काष्टपति दरछेदीना जिहा तेह' अतीनुपुरुप तिहा आवडू आवीन तेहपुरुषप्रति आत ध्यानइहणाणउछ मननु सकल्पविचारगलहमुयुछ एकवुथकु पात धानकरतउ थकउ देपदपीनद एमवीन्या काडू तुम्हे देवाणुप्रिय आध्यान धाइछन् तिहारपछी तह तह प्रात्तीउपुरुप इम बोल्या तुम्हे हे देवानुप्रियाउ काष्टमी अटवीप्रति प्रवेसकरताधका मुझन मवोल्वा भाडे देवानुप्रिय काष्टमी अटवीडजीउछ उ तु श्रमारदकाजि अन्नराधीमूकैडमकहीने अनेकवीधापणि अग्नितपाद्रीतमाटर आत करका तिहारपकी तहमुहूर्तातर तुम्हारइकाजी अन्न प्रतिराधउ दुमविचारी जिहा अभिनुभाजनतिहाय यउ पग्निउलीणीदाठीपुलवटवाधीकाप्ठनाफालीया अनेककी पणि अग्नि तपामीत माट आर्तधानकरछर तेशाइ दमकहीपछी तह घणापुरुषमाहि एक पुरुप अवसगुदाण कार पर कारी यगपामी बुद्धिवत गुरुनउ उदयदेसलाधउछ जेणड तह पुरुष हम बील्यु जाउ T" अती देवानुप्रियाउ स्नानकरी देवपूजाकरी जेणे एइवाधका मुद्धवस्वपहिरी सीधु भाउ तुम्हारि काजि अनप्रति सघउ इमकही मउवट बाध फरसी लेद्र सरप्रति
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
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