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रायपीगी।
२५५ मालाए वहमन्मदेमभाइ ठिव्वीतभर दडेगा मइयार सद्देशाताडेजम सेनूण पदेसीसद्दे अतोहतो बहिया निग्गच्छद इता निगच्छ अत्यि यां पदेसी तीसे कूडागार मालाए केछिड्डे जाव राई वाजयागा में सद्दे अतो बहिया निगतोणोदण8 ण्वामेवपदेसी जीवेवि अप्प डिइयगती पुढवि भिव्वा सिन भिन्दा पव्वय भिव्वा अतोहितो वहियानिगच्छद तसद्दहाहिगा तुम पदसी जहा अन्नोजीवो तचेव तएया पदेसी गवा केमीकुमार ममण एववयासी अस्थिण भते एसा पण्णत्तो उवमा इमेगा पुणकारगोगा नो उवागच्छद् एव खन्नू भते धन्नयाकयाइ बाहिरियाए उवट्ठाग सानातेजाव विहरामि ततेगा मम नत्तियामसक्ख जाव उवणेद ततेण अह तपुरिस जीविता तावबरोमि जीवियाताववर्गवित्ता भयोकु भीए पविखवीमि अयो मण्ण पियाणेण पिहामि जावपवइ पहिधुग्सिहि रखावेमि तएण अह अन्नवा कयाइ जेगोद अयोकु भी तेणेव उवागच्छामिरत अयो
कुभीउग्गलच्शमि त अयोकुमी किमिऊ सकुल पिवपासामि नो भेरीठक्का दण्डीवारन दगड' । वाम बामणमित्यादि वामन वामेन एव दगडेणेोत्पाद्यपि भार हेमदेसी नेणीमालाडू कीद छिद्र विवर राइ तेणी डिकरी तहसदमाधिकी बाहरिनीकल्स प्रदेसाकहतेगोमालाइदिनथी वलोमुकदागदप्टाति हेप्रदेसी जीव पपिजीEिR लीगतिकजीवनिगतिकोदननायकवलीनीयए प्रथवीप्रतिभेदीनमिलाप्रतिभेदीन पर्वतदेह माहि वाहरि नीकल तणीकारणिसन्दजिवाबउ करीमाहि तुम्हें पदेसी बेन र अनातेएहरुमरीर वीजुप्रश्न केसीगुरि महीपकी प्रदेसी राजा कैसीकुमारपरक बोल्यु छ भगवन एहप्रमाबुडिथकी उपमाहटातपणि दृष्टात माहरदीवार इणगाप्रकार निश्च हपूज्य दीदकसमा बाधिरली बरसवानीसभा स दस्य धकउ विधकछउ तेगाइसमद मुझनदू कोटवालतेण आपिागलिवस्ताई पानी स पताइयी तिचारपछी ( तेहपुम्पप्रति जीवधकी रहीत करतउहउ Nar लोहनीकु भी घलाव्यु नीदमय ढाकण करी तेकु भीढकावी तरह बरी क रे तिनद पुमपि चउपपेरडयावी तिद्वारपछी हू कोडकसमद जिहा लोहमा नि न तक लाहमय कु भयकी बीडयउखेलावतु डू उ तेह लोहकु भोर डोन्स