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रायपसेमी। .
१८० तचेव योव उत्तरिल्ले पत्याधरमडवे तेणेव उवागच्छति २ जावेद दाहिणिल्तावत्तया साचेव सव्वा पुरथिमिल्ने दारे उत्तरिल्ले दारे दाहिणल्ला खभपती तव सव्व जेगोव उत्तरिल्ने मुडमडवे जे पीव उत्तरिल्लस्स सुइमडवस्म बद्मभादेसभाए तचेव सव्व जे गोव पव्वत्धिमिल्ले दारे तेगोद उत्तरिल्ले दारे पुरथिमिल्ल दारे दाहिणिल्ला खभपती तचेव जे पोव उत्तरिल्ल सुदमडवे जे पोव उत्तरिल्तस्स मुहमडवस्स बडूमझदेसभाए तचेव सब पव्वत्थि मिल्ल दारे तेपोव उत्तरिल्ल दारे पुरथिमिल्ले दारे दाहिणिल्ला खभपती सेस तचेव सव ने योव सिहायणस्स पुरथिमिल्ल दारे तेगोव उवागच्छदू २ तचेव नेणेव पुरथिमिल्ले सुहमडवे जेणेव पुरथिमिल्लस्स सुहमडवम्स बहूमझदेसभाए तेणेव उवागच्छद २
तचेव पुरथिमिल्लस्स सुहमडवम्त दाहिणिल्ले दारे पव्वत्धिमिल्ला तन पश्चिमोत्तरपूर्वदक्षिणजिनप्रतिमाना पूर्ववत् पूजा विधायीत्तराहे प्रेक्षाग,हमगडपे ममागच्छति तत दाक्षिणात्य प्रेक्षाग इमण्डपबत समा वक्तव्यता वक्तव्या तती दचिणस्तम्भपतग विनिर्ग वोत्तराई सुखमण्डप्रे समागति तवापि दाक्षिणात्यसुखमण्डपवत् सर्व पश्चिमीत्तर पूर्वहार क्रमेण कृत्वा दक्षिण स्तम्भपतरा विनिर्गत्य सिहायतनस्योत्तर हार समागत्य पूववदनिका कृत्वा पूर्वद्वारे समागच्छति तवाचनिका पूर्ववत् । कृत्वा पूर्वस्य मुखमण्डपस्य दक्षिणहार पश्चिमस्ताम चचाकुलमालाधूपउपेवदजिहाउत्तरनद मुखमडप जिहा उत्तरनी सुखमडपनउ घण मध्य देम भार तिहा परियय वनीपरिमर्वनायितु पच्छिमनउ घार तिहापणिय र्ववत् उत्तरनतारनइ प बन द्वारनद दक्षिणनीस भप नि तिहापर्ववतमाभीपउंच दनध पमालावाधजिहा उत्तरनउ सुख माय जिहां उत्तरनठ सुखमडपनड घणु मध्य सभाग तिहापणिपू र्वनीपरिपर्वाभीपाटि पश्मिनउ द्वार तिहा पूवक्त उत्सरन द्वारइ दक्षिणनीखभप कि शेषयाकतउप वनोपरिसर्व याभीच दनचचाध पसवकदिवउनिहा जिनप्रासादउ पू वनउ घार तिहा नाइ पूर्ववत भाभी पाउचर्चादिकनिहाप वनउ मुखमढप जिहा पवना सुसमडपन घणु मध्य देसभाग निहा जाइ तिमन पाभोपनादिक पर्वना सुखमडपनट दचिणनउ हार पछिमना भपति उत्तरनुदार तिहा पणिनिमजधाभोपादिक पवनदू धार निमज निहाय वन क्षाघरमडपएमज थूभनम पानी प्रादिक जिन प्रतिमतरभेदप नाकरदमूर्याभविमानइसिहायतन प्रतिमा१०८ वि दारागली