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रायसेपी |
क्खित्ता पत्तो यर वणसडपरिक्खित्ताउ तासिग गदा पुक्खरिणीया तिदिस सोमाविगा पण्णत्ता तिसोमाण पडिरुवगाण वगणउ तोरगाण ज्या छत्ताइ छत्ता सभाएण सुहम्माए अडयालीस मणोगुलिय साह स्सीउपगणत्ताड तजहा पुरत्थिमेण सोलस साहसीउ पव्वत्थिमेगा सोनस सामी दाहिण अट्टमाइस्सीउ उत्तरेण अट्ठाइस्सीड तासुवण मोगुलियामू वहवे सुवण्णरुप्पमया फलगा पण्णत्ता तेमुण सुवण रुप्पमएसु फलगेभु बहवे वदरामया गागदतगा पण्णत्ता तेसुण वदूरा मसू णागदतसु कियह मुत्त वग्घारिय मल्लदामा कलावा चिट्ठति सभाएण सुहम्माए अडवालीस गोमाणसिया साइस्सीउ पगणत्ताउ
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पद्मवेदिकया प्रत्येक २ वनखण्डेन परिचिप्ता । तासां च नन्दापुष्करिणीना प्रत्येक विदिशि विमोपानप्रतिरूपकतोरणवणनप्रागिव ( सभाए सुम्मार) इत्यादि सभाया सुधर्माया घटाचत्वारिशत मनोगुलिकासहस्राणि पीठिकासहस्राणि प्रज्ञप्तानि । तद्यथा पूर्वस्या दिशि प्रोड्य मनोगुलिकासहस्राणि, पोडशसहस्राणि पश्चिमाया, मष्टीसहमाणि दक्षिणतोऽष्टीसहस्राणि उत्तरत, एतासु च मेलकनागदन्तक माल्यदामवर्णन प्राग्वत । ( सभाएय सुहम्माए) इत्यादि सभाया सुधमाया अष्टाचत्वारिशतगोमानसिका शय्यारूपा स्थानविशेषा स्तेपा सहस्राणि प्रज्ञप्तानि
योजन पहूलपणदू दस योजन निर्मलकई बावीन्द्र वकपूर्वनीपरिजाणवु स्वभाव उदक रमाकपाणीनउस्वादकर कहा एकेकोबाविचउपपेर पद्मवरवेदिकानडू वेष्टित प्रत्येकइर वनखडन वेष्टितछद्र तेहनदू नदा पुष्करिणींनदू तिहूदसिपूर्व दक्षिणैउत्तरविपाउडीया ललारूप कथा तेह प्राउडीयानउवक आगलि तोरण ध्वजाकबऊपरिश्वकहिवा समान सुधम्मा सुधर्मासभाइ व्रणिद्दार माहि एकपूर्वदार आगलिमुखसडपथीमाडानदा पुष्करिणीलगद अग्या रद्रपदार्थरुडीएमज्ञ दचिणदार एमजउत्तरद्वारिजागव उन्हव सुधम्मासभामा हिलस्वरूप कहदूद्र अठतालीससहस्र मनोगुलिकाच उणू उटलावेसस्व कच्या तेकहदू कडू पूर्वद्र सोलसहब पीठिका पश्चिम सोलद्र सहस्र दक्षिण पाठ सहम्र उत्तर आठसहस्र तेह मनोगुलिकान्द्र विषद्र घणा सोनारुपामय पाटीया कह्या तेह सुवर्ण' रुपामय पाटीनइविषै घया वज्ररत्नमय नागदता अकुडा कक्ष्या तेह वज्रमय नागदतनदूविपद् कालमूर्ति गुटयालवायमान फूलमालानी कलापसमूह रहद्रकद्र सभा सुधम्माद बट्टतालीमसहस्र गोमायसीसय्यानीपरि लाबाउटला का नेममनोगुलियाचिहूदसिमिली पाठलीस क ह्यातेमज गोमायसीचातिहा पाटीयतियइनागदना तेह