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रावपसेयी। जोयणसयाइ उठ उच्चत्ता पणवीस जोवणसय विक्खभेण जाव वणउ उल्लोउ तेण पासायवडिसगा अगणेहि चउहि,पासायवडि सएहि तयहूच्चत्तपमाणमेत्तएहि सव्वउ समता सपरिस्वित्ता तेण पासायडिसगा पणवीस जोयणसय उढ उच्चत्त गा वासहि जोय माइ अद्दजोवणच विस्खभेण अपूग्गयसूरिय वगण भूमिभागो उल्लोउ सीहासण सपरिवार भाणियव्य अहमगलगाउझया छत्ता तेण पासायवडिसगा अपर्णहि चउहि पासायडिसएहि तय च्चत्त धमरगामेतएहि सव्वउ समता सपरिस्वित्ता तेण पासाय वडिसया वासहि जोयणाइ अद्वजोवणच उढ उच्चत्तण एक्कत्तीस जोय
दावतमका अन्यैश्चतुर्भि प्रासादावतसकै (तय हच्चप्पमाणमिसेहिन्ति)। तैपा मूल प्रासादावत . काना यदद्ध तदुच्चप्रमाणमा मूल प्रासादावतसकापेक्षया चतुभागमाचप्रमाणे सर्वत समन्तात् • परिक्षिप्तः। तदर्थीच्चप्रमाण मेव दर्शयति । (तण)मित्यादि ते प्रासादावतसका पञ्चविश - योजनशतमूई मुच्चस्त्वेन द्वापष्टिजिनानि श्रई योजन च विष्कम्भत , एतेषामपि “अब्भुग्गय मूसियपहसिया विवेत्यादि म्वरूपणन मध्यभागवर्णन मल्लीकवर्णन सिहासनवर्णन परिवाररहित माग्वत्। (तण)मित्यादि ते च प्रासादावतसका अन्यैश्चतुर्भि' प्रासादावतसके स्तदडीचप्रमाणेरनन्नरोलमामादावतसकाचप्रमाणे मूलप्रासादावत सकापेक्षया घोडशभाग' ममाथै सर्वत समन्तात् सम्परिक्षिप्ता। तदोच्चप्रमाग्यमेव दर्शयति। एकवि श शत योजनानि क्रोश च पंचवीसअधिक सउजीवन पलपणदूसघलउवणक उल्लोचसहितजाणवउ तह प्रासादवतंसक अनेरड चिहू द प्रासादयतसका पाठलाकडातहअईचपणअनेजचापौनअर्धि पिलयणद सघल चउपपेर बीद्याइ तेहप्रासादवत सक एकसउपचवीस जीयन अचु अचपण बासहि जीयन ऊपरि घट्ट जीयन पह लपमद साहमानीकला अतिऊचा वर्णक भूमिनउभाग ऊपरि चद्वयासिंहासन परिवारसहित भणिवउ तहमासादऊऊपरि आठमगलिक ध्वजा छत कहवा तेहमूलगामासादपासरच्यारमासादकह्यातेहावनीमासादअनेर चिह्न प्रासाद पूठियक हातहथी अईऊ चपणमावाइ चिहु दिसइ सघल विद्याछद् तेह प्रासाद बासठि जीयनऊपरिचयीनन अउउ ऊ चपणदू एकवीस जोयन अपरि एककोस पहूलपणा तहनुवणक चडूयामाहि सिंहा सण परिवारसहित तेहप्रासादऊपरि आठआठ मगलीक ध्वज्ञा चकपरि छवकबिउमूलपाठ प्रमादमूकीइएकदिसड च्यारप्रासाद अढाइसयजीयनातागल्या च्यार९२५यीनन आगलि च्यार