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________________ - - - - - - Letstandin * पप मनिस्वरूप रसव पठापसम विधुपित्तापंति विधूम झगिति विहाय तथा पत्तति या वितदित्या रिख च प्य यावच्यष्योपादाना , दि हम पेचा मुख्य पेशा पर एवं धाव बस वार कीस वोडागार रब र पुर पतेतरचेचा विपुल धप काग रयर मपि मोत्तिय संघ सिट यवार रत्त रमप मारे संत सार सावतेय पिविरसा विगोवरता दाराच दारयाय परिभाषरता महामविता पागारापो पपगारियमिति । ध्यत्र तयार पर्ष गठितं धनं गवादि यह परम पाहम वेगपराधियं पुनम गपिमादि पमक मगठितवर्ष बानि वतनादीनि मणय पन्द्रवान्ताव' मोतियामि मुकापसानिमा प्रतीता मिवामयाबानि विद्रमापि रखरखानि पनरागा पादियधारमा कम्पशादिपरिपहर एतेन विमल मबतौबार संतत्ति विद्यमान सारं मापते प्रधानम्म किमियाह विबड़ा विशेष वका विछावहा छत्वा मिकाम मरिमकरपत' चपाऊण पहुवमिषं रयमिवपडग्गजसविधुपित्ताण पता हिरण वावपष्वचा पप्पेगरमा प्रहमासपरिमाया , पप्पणापानामपरिघावा एव दमामा तिमासा नावएवारसपप्पेगावासपरिमाया टुवास तिवाम अप्ये गएमा पच वानस्थकर रखसशिवशारतजिमपबगौरवपरिवरतिमपापमसरसवाटिमीपचगौवोधोनेपर सम्यगृतकारिविधुतपसगवरीपरिहरीम विषय पधमय परतामिरमिरणपत पावसन्दयीपुपरखमथिममुमनिरपवण्यादीचासोपोछर भगवतमासागपूप केवमाष्ट मासएकपषवारापोवादीचासीनर एहया एवषयामासनुपर्यायदोचादीधीश भएसमविमापाशरदौचासोधा एवेकन इविभिभासहपारादीचासोधा इमचारपांचवसातपाठनवम ग्यारमासदीचासौधावाहरनावमव्दधवी एचसाप्तमपरसादीचापर्यायसीधी V
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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