SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 78
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परिचय रामदानि राजचिज्ञानि उपसंति मुकुटं माध्यम चामरमिति । एगसाडियउत्तरास गति एक साटको वमिवस्ति स एवसाटिक उत्तरासो वैकचक्रम् चायन्तेति भाचान्तोसम्ममात् चोक्सेति चोयो freeतमापनयनात् । चिमुल भवति परमसूत्रभूए पतोन मिडिये पचलिता भाविवरतो तितो बातो ती इस्तो मेन स तथा । विपूक्ति भावयति साहति स निवेति विजय जोन वारामित्व निमत्ति छति । पिच भ्रमति पश्वनाथ प्रभुद्रमति । अवनतत्वं विसुचति परिसारति ई परमसहभूए चंजखिमभोलि भरग हत्व (तिस्थगराभिमुद्दे सन्तकृपया धगच्छन्ति सन्तकृपया युगच्छिता वामंषासुच्च चेद्र वामबाणुभ चेता दाइयंवाएं धरणितल सिमिविसेद् साइड, तिक्खु सो मुद्दाण घरणित सि निषेसहसा ईसिप समति पशुमभित्ता कड़गढ धमिषाघो मूत्राश्रो पड़िसा परतिश्ता करयलनायक ॥ मस्त बधराविवार उप्पस माविपहिरवान मुगट १ वाच परीपहिरवानीमोजडी वायोजन चामर५ एकपाडीनु वा विधालयो नमोहन उप्तरासचकर उत्तरदिसिनपूर्व धरण चतराबद् दचिरादिसिमौचडराम वे उत्तर सणसरीनम् घायपीठासावर चोक्छे बोपविटा परममचिपरिवहन मंत्र िहावविश्वमल माटोडानीपरिक साहरणे चरण्डवराजा तीर्थकरयोमहावीरनधभिमुखमा मुह पापमपम सातपगोपसिंघाठपणावर सात पाठपन साहईनर वामश्रानावर ठोपपद्म पतिसाइरोनर व प राय डाव ठोचचच चतरापोनर इविवि चचपरचितसंसिद्धीतलनरवियर निवेवेश्वापरयोग हम क्लोविडि
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy