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________________ intedinde -- --- - - --- - - - - ------- --- सतवा । पत्तीमधुसपरपातिसे पपने पनि मत बुहाना विमाना पवति वचनप्रमुख सर्वसभापानुगत वचन धम्मापयोधकरमित्यादिनोवसरूपा ये मिषा पतिमा धान प्राप्ती य स तथा। एप पनातिमय पाय मस्यन्तोपकारिखन प्राधान्य स्थापना मम्बमा देवेमयाइयो पठान्त मत पारद विमसुध पामयपी यवखियं पश्यं पहिर मोक्डोरा* मिष्योस पंधर मंस मिस्यादि। पपतोसमवयणामे सपत्ते परमियत ये सत्यवचममातिषा पतिमया मान् मानो यस तया। तेषामौ वचनातिशया' तयथा सहारवत्व पदासत्व २ उपचारोपेतवर गधोरमब्दबंध पतुमारित्व रचियत्व पनौतरागव. महाव पव्यासपोर्वापर्यख पिष्टत्व पसम्दिग्धत्व ११ पपतान्योत्तरत्व १२यपाधित्व देशवासाव्यतीतत्व तवाष्पा परबोप्रमतत्व पन्धोम्बप्रपौतख १० प्रमिलातत्व १८ प्रतिषिग्धमधुरत्व १८ पपरममवेधिष २. पर्व धन्धाभ्यासानपतब २१ उदारव २२ परनिन्दामोलविमयुनत्व २३ उपमतमापख २४ पनपनीतख २५ उत्पादिताजिव कौतूरातत्व २५ प तस्व २० । पतिविम्बित २८ मिमविषेपवितिविधितादिवितात्परः पनवनातिसंवयाधिषित्रस्व ३. पाहिलवियपत्य ११ साधारव २२ सन्यपरिगतीतव पपरचेदिख ३४ प्रयुच्चे दिख १५ पचमातिगया। तब संसारबष सम्मवादिसणखत १ उदात्तस्वमुपवत्तित्व २ उपचारोपेतलमपाम्यताए चत्तौसमुहवयवातिसेसपते पखतीमसच्यणातिसे सपते पागासगएणं च धागासगएणं परिवारमा परिवविधितासनतकरणहारपधवापरिवषकपणे सरपपठ पच्चीसबुधतो करनीवधनप्रमुपसर्वभापानुवोसिव धर्मगुरव रत्वादिषसर्वपतिपय नेपाम्यावापिरिमगतर पीवीससत्ववचनसत्ववचनमापतिसे सपति गयोपपत्नपाम्याशामिपामगवतार पावामन विपर
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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