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________________ a. inchhar शे-रितिक र समधेषु रता पामता पाभिरेव समय बा भि'पपते बसमय मेत्य विधवाहिनी वारता जमातिमता गतिमीपपसित्ति धौ. मोम पवेको ना मन है जोषप्रदेया पपेनापि प्रदेशन बनो पोषो न भवतो मेनन प्रदेशम पूर्व पीरी भवति य एवं प्रोयो बोको मवतीय विवादिन शिव गुप्ता पार्वमता पिसंपादिन पपत्तिपत्ति पम पमत मिद जगत् साभारिधि श्रमोद देषो पायमित्यादि रिमितिमायोग पभावाचतवमा वसिति मत मशि वाले प्रष्यतिमा पषियमाना वा साधादिमणि रेषा मित्यविशाचापाडामिपमतान्त पातिम सामुमति मारवारिभाषामा प्रतिवर्ष समुदं चर्य वदन्तीति दिया परमिवमतानुसारित होकिरियषि बिरे मोतवेदनीचरनाहिसारूप एप समये लीयोऽनुमतीय वदन्ति ये ते रखिया मामतानुमतिम गमिति बौन समौन बौवाबीवनी वीपरपान गरान्ति से 8 रापिया रोषणक्षमतानुधारित: पपड़ियांच बहुरया १ वीवपदेमिया २ पत्तिमा ३ भामुछिया ४ दोबरिया ५ तेरासौया अम्बलिया ७ व्यसत्त मादिदमोगयोरिपोरमेसाबरोपमएबापाबायोस परबोषपरममांतनोभापामाजिनधर्मनापाराधषतिपातबार पक्षाबत पनेर पीपराजमाथि १८ वेदमबचारीचौर प्रामवाभिवीटरमपावरसौषत्पत्तिठाम सविधमरवारिपारमावासनविष निगासि समापदमारपरमति पर गवरमपेपमएषावनीपोपसमेननीपमाधिमतानमारी बीवपदेसिया जाममपि एचपुष देसीमितामगुममतासमारोर पत्नियामाधुमपोससमोरबामापन पोरादिमागमाहाचार्यमतानुसारोए भारकादिक
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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