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मान पवयासिमावति पपवासमान wwenate france अपयास मानो वा उत्कष्ठातिरेकाहिं पाविज्ञनेनापोडामान
मानवा मोतिपुरले प्रवास मकायमाच' परिमंदिवमाचेति परिवन्यमान सूक्ष्मान परिपुव्यमान इति व्याह परंगियमापत्ति मरयमाय चंक्रम्यमाप पचमापादिपदानां हिमंचन मामीवितमेति निषादार्थति निर्वातं निर्व्याघातं च मििरबन्दर तदाचीन इति छ तथापिवाचना मारेरसमा वगति सातिरेकान्हो वर्षाणि जात स तथा तं चति पर्वतो व्याख्यानत करययोगति करपत प्रयोगत वर्ष छ ।
कलावरिया उस त्रिति तरणमेकमायरिए तदपरदारगं सोभर्थमितिरिस दिवस स म जसि कातिया गणियप्प हाम्रो बदय पद्मपचाया घो बावन्तरि कलाच सुप्तत्तोय भरथसोय करतोय हानि हिति सेपाविहिति तनहा ले गणितं रूवं यह गीय बाह्यं मरगत रगतं समताज भूयं जसबाई पासव भट्टाव प्र पैभचाविया मनोरतविरमावि तयावरच ११ तथादिवसतबान चवरत बामुक छर मोईनर वाचायला नघो बोल वसहारते हमें उप भयो निधारपचोतै बाचानमयावहार तेदमतिश्रमामवाल विवि पढानादि मतिविभागपत प्रसाद सममंचचमङ्गमविवाह शब्द पश्याम से जिएचवी बहुत संतोष किया धमाः विशेष पाठीमुसि fer धर्मस्ते मोक्षपरंतेयकोसोबर वरदबाबा चमक रोते हुअभ्यासको बेडाबर विधिकारसहित ममोपावर यादवराहमिति रूपपरावर्तकचार नाटया मौतगान कर डाठबंबंधी पोषम पाि
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