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________________ ---- एवमाखति एवंभाग एवं पवेद् एवं खलु भपरिष्वायाए कपिल्लपुरणयरे घरास्ते आहारमाहरेति वरसते सहितेतिटेक मेयमंसे एवंगोयमा जग्म सेबइषयो समाएवमाक्खर जाव एवपरुषेति एवंखनुचं मठेपरिष्वाए कंपिल्लपुरे व घरसते वसन्ति वेइसवेण सम व पियगोयमा एवमादृक्वामि जाव एव परूमि एवं सलु अम्मडेपरिव्वायाए नाव सहि उपवेसे से यह संभले एषबुचद्र भम्मपरिष्वायाए जाव वसहि उषेत्र गोयमा अम्म अन्धेपरवर माहोमांहिसहर यहुअनघ पाइकन खोबगामा गरम मरादिकसंबंधोभते हे भगवन भावभोप्रतिशयसंकरेजे पठवु मापे वचनेवाले हवपोउपदेशयु विमापत्राने एवं पूजे प्रकार सुनिवर प्रष्मड एचवनाम परिव्राजक परसन्यासी वपिल पुरे एडव नामहूनगर अमितेशनविय एकसपरम्नाति महारथन पनिकादिमखादिमश्राहारकरेचर एकसउघरगृहस्थमाते हमे विषै विविध वासरह पोठवर वान्तभिते हे भगवन कस्तु करोमानच भगवतकडेवर इम गौतम बेहतबहुजनघणा लोक प्रामा गरममरादिकसंबंधो अन्तोपम्य परस्परम डोमांहि एह प्रतिशयस्तु भारकर हरर यावदीयोवबोस इमपरूप परपदामांविष्ठादेपा उ प्रकार वयसु बढनामापरिवाजकवरसन्यासो afपशपुरनगरन विपद् बावशब्दषो बोआईवोश्च एक सोषरतेचभविपश्वस विसिवड रवि कर सत्वमा एमए दावे खोलकर हू पिवनिवयसहित एहवस्त्रो गौरव हे गोतम उत्तमभिप्यएव समताक हर जावमब्दबोबो आयोड पकपत्रपरपदामहिमहदेवाणु ए एचषु वडियवर मडपरिवाब कदरपन्यासोनर आवशब्दय कोयोजावीस F
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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