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पर्याय साधुत्वमित्यवं पाठचंतित प्रापयन्ति पूग्य सोय ११ परियावगति मस्तरिय संपत्ति साहा बुबाहद्वारादिकार्यग्रामवादिन अध्यामायामुडाति करिवत्ति पिठो देता येपास वापहा साया एव मनोरथो जगस्वारयन मभ्यपगता श्रोत्ति यो गम निरोग्रामर्ष भिठपि स्वेते विष्वाति भागेश सा परमहंसा बहुउदगा कुलिया इयते चत्वारोऽपि परि वाश्रमले यतिविशेषा तत्र नये पर्व मदेशना रामाभितो मिचाई व ग्राम प्रविशन्ति परमसंमास्तु ये नोपुतिनसमागमप्र मेशेषु सन्ति चोरोपनय स्वतप्रधान परियन्ति यज्ञदवास्तु ग्राम एजराविया नगरे पश्चराविण प्राप्तभोगच ये मत पूति कुटीयता कुटोचवत्तमाना व्यपगतशोधनाम मोहा पहार वर्जयन्तोति लयपरिवाजका परिवायत कृष्ण परिभ्रात्रक विशेया एत्र नारायणमशिक्षा कपरिव्यावगा तत्थ वस्तु हमे चट्ट माहय परिष्वायगा भवति तंत्रहा करा करकटय च वडय परामर कर दीवायचेव देवगुन्ति खारये तत्थ खलु इमे अक्खत्तिभपरिष्वाययामवंति त सौलई मसिहारे गाई भरगई तिच विदेष्टे रायागमे बस्नेतिश्च तेषंपरिब्वायगा रिचव्वेद जजुवेद सामवेय चव्वणवेद इतिहासपचमेस णिग्वट बद जग। मिए शरावि नमरेपचराचिरर कुटोवर बेघरबूज वर्त्तता क्रोधसोनमोहोर लप्य परिवाजक सेवनारायणनाभन्तापरिव्राजकविशेष तत्वतेष मयि वरोह मे एडपाठिवासनो जातिसमभियापरिघाकद उधारोसम्यामोमो जाति लेकर कमर करकटकर अंबड र परासर४ कृष्ण५ दौपायन देवत नारद वे हम हिस्वसनियर मे एक पाठयवियजाति बंधी परिवाजक देवधरम न्यासो हर मोर
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