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________________ 1 बोरा अष्टकोबात्ययः । धार्यश्ववतलोन मे सुर मे ईशामिय उसम तुरम नर मगर विक्रम बालक विचार पर सरभ चमर वर वषल भक्तिचित्ते ईडायगा हवा' म्वाहका' स्वापदमुत्राः । भाईचम कब बूर बायोवत् कफरिसे पानिक धर्ममयवस रूप मनोत बुरो वनस्पतिविशेष तुल मकतूल सोचाचपसंङ्घाचसहिर सिंहासनावर पाया दोए जायपरिवेति ॥ वाचनान्तरे पुन मिसाहवक विवि सकीय विमानन कुवलय इधर कोयना घनो मे इत्यर्थः पाचाय बेग श्रव्जस वकॅतनेन्द्रमसोम प्रका यो भान नाभेदटिव गोलगुलिका गवसा तिरेवममर निकुरुम्बभूत भाषविशेषोऽङ्गारनियेपोश पचन मेदो विभावयेदो निवासविशेषो वा रिट' बाब पचविशेषा वा want sft रशिया गुटिकावयव्यविशेषो ग मिङग बालग किस्सर रुक सरभ चमर कुवर वाजय पर मलय मत्तिचित्ति आई रूय मूर द्योत तलफ रिसे सोहामा कार्यसट्टिए पासादौप दरिसबि भमि पठि ॥ छ ॥ तत्वण चंपारणयरोए कुपौयामराया बाचनसष्य बिंगरम्यंतर विमेव मया परमष्टापदजीव चमरोगारतमाचमर कुवरको महिचाकर भाजिनमश्रममब कपपोश्यल क बूम नसतोमापूत्र नवगोतमपिच भावत् मनाते उबर काम बेहन ते प्रथमवापदोउवन्तमववाह निमंबार दीठ हारमा परि कपमतिथि बदोस राजामविनश्वर ते पानामाहममरोते इन विपर मनोसता पदममोचता इत्यादिकमतिरूपति सत्तेच सरिपोरमनेहकुमार सिंहासन ने यमला मनापामा प्रदिपमनोरथ किचन नाम एक मपतिरामा प्रतिष SLA - 1
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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