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________________ पभासदार पबिबहा गरिबा पपिसी विणयसरी देवाप पराए भत्तोर प्रारमियायपणे एवं पहिनावमा सितापडिया मारिन चितरामायनम्वुपनमम वामतरविवसत्वात साप्तापमा घरकाम एव दीपाश्रममान पादिपरामोपाय गरमाना 1 सादाबाद पापमा प्रयापवावाद प्राप्रपा पगहाथाशवाणा पते प्रमातिगदिपाले तपा परमोति म मविनित पापित गुपपमएबाए सरिसव वीरपत्ति मनिपानियो पन्यतां वरिख य एव माविको मतपवितरित माम -oil01 M० t नघरसविमोचाचारित्तए तनहा खौर ददि पवनौय मपि तेलं फामित मड मज मम पस्न पाए __सरमवविगए सेमपा अप्पिच्छा तंव मध्व पर चपोरामोद्यासमम्बार ठितोपपतार मेगेड्ने __ गगायलगा मागपच्छा तावमामपति तनका त्तिया पोतिया कोत्तिया जणइ सहर घातई पादत वापसमापपरीचामातर यापधर्मणामसमिसि प्पभिरयाएकप्रतिपादिमा पूर्वरबमातमनुपरमपम्पे परागसिसीपरमेमररम + पविषय परीरमारिविक्षतिविवारमौकरसागपाचारिपोमयपरिवो तेरपरहे पोर पर दपिर नगीत मोषण मथि पो पर पारित सच मा० मध हासादिक मामः पाचरपपरपपर वीरवारमयो एक्सरममनोवि सरस्परपोतहरषिपोधिरे नाम पर चापविमोटोपाधानही तिमल मनबर पतपोनिरीपजे चपोराणेसासवरसमसारमविति पाना वारी पौष मगानदीनापविमाबावाकाठाव मारपरमानवारीमेरमा एमापनपनापरवाना
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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