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________________ मदा विबन्धमा होति पार्थिवो पापविया तु तमपराया इविवगंधाविविहिता मोहाउयवयायं पयोष ते व धगा नवर उमति वाहष्यत कालमासे प्रासंवित्ति मरयावसरे भरिया र छ प्रजाभिधिसितोपपातनिरूपणावाह जीवेयमित्यादि व्य मंघंति ग्रसत्ववरिममोह बिज्ञ कम्मवेदे मागे वेदणितं कम्म मंषति योमोहणिष्म कम्मंमंधति‍ जीवयंमंत असलए अनिरए अप्पडिश्यपशक्वायपावकम्मे सकिरिए अस वुडे एगतदडे एगत वाले एगंतपुते उणत सपाय घातौ कालमास कालंविचा सिरइए श्रोषवनंति हता उववमा ति 8 जौवेयमते अस नए अविर पहिय वेदनीयकर्म साता कर्मशोधत्र नबम्बरततपोभिशेप परिममोहनौ सूक्ष्म संपरा यमुष्ठा वधूलोभमोहनो वनासूक्ष्म कोटिकारूप पापक मंवे दत भोभोगवतश्रो जोवचेतना वधमार्थ कारभयोभते हे भगवन सातापपापकर्मबधि परंमोहनीय कर्म पट्टावसप्रकाररूपपापकर्मबंध प्रसन्धस धरानnt यमवंत सम्म मासिकरोन इनधो हसा तथा प्रभागत वास संबंधियानवी पचस्पा हवा पापकमयेचे कायिक्या दिकक्रियाते वकसहित बेपइंद्रिय afteामामपापव्यापार करोड एकांतवासबंधापरमिप्याहटी एश्चति पुत्त सर्वथा मिध्यात्वनिद्रायर सूतो उसम बालेमा मेमरपना प्रवसरनरवियर कालमरपकिया करोनर मेर मायपणच पापनेंद्रियादिकपंचेंद्रियपर्यंतन घोषात विनायकरइपर एनरकम विपणपद्मवतर हातिम एडवभोमासीनर कनइविषखपचर 8 जोवचेतनासच चर्च वचननाम कारम कीमत भगवन प्रसं एपम यमवंत तपनविपविशेषरतिमहोधवशविरतिरक्षित सम्यस्त्र प्राप्ति रोमन घोष याच्यवाचनागत कालस वैधियानवी पचप्पा एडवा
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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