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________________ D 030 व पासुमो यस स पहंगानु पच्चोधिरे पधोमुखी नीतियंगवा मिचिप्तहरिरिति भाव सापकोडोवगए ध्यानमेव कोही ध्यानकोष्ठत मुपगती यस तथा बचारि कोठवे धान्य प्रचित मविप्रौर्य मवत्येवं स भगवान् धर्मरामबोष्ठक मनुमविश्य द्रियमाणाधिश च संहतामा भवतीति माव वायस साता प्रवत्ता यता पूजामति नातथा शवजमाणामा पदार्यानो तस्वपरिचाने जायसंसए बात समयोति जातसंशय सिर कापफोटोवगए सजवंतवसायप्पागभाषेमापाविहरति तएणसे भगवंगोपमे नायसढे बायस सए जायको काल उप्पसमष्ट उप्परमस सए उप्पराकोहले सजायसंसए समायकोमलले समुप्पणसट्टे समुप्पमससए समुप्प व पोमात यो परिवाणेहना पधोनीपपीमिरमस्त कवाज सुतिरछु नपोजेपन कोठामदयमाझ्यिामदूउपगतसविसमवत्तरबर नेममाटाम भावमा धामधारिष्ठ मविपमितिमावर्षरिएसनकोतकरी संयमसतरप्रसारतपरकरीतपवारमकारतेणरवरीमदूपयाण पापणपोपामामापन इधर्मध्यानविषयूपवत्तावतपोवियराबरमवतारासाठ तिवारपोतेमगवतधामवंतगीतमनामतपोरद्रभूतिगौतमतेगोत्रमाटर जातप्रवत्तीयबासख बांधिवानीपाशते मानवंतमिरधारनमणपोपसमय वपावनपनिवपीमगवंतयोसिएसवोरवसमितिवात कोतास अपगोपिपिची प्रपतवातवमाणिगोपाखा अपनपोखिोपयकोसंगयचाननिरधारणकरिपोहरतेष अपनपोषिपथकीबोतलमविश्वल भगवंतगोशिस्मतेसा : मखियान सत्रातपतिविधपतु समय चाननिरधारसबंधी संघातपतिहिमवत्तीयारचा सत्रातपतिपिवीतासहपोजेभगवंतवेवपोरवाहिस माभचिवामम समुत्पविषयवौजपनपोस मय चानमिरिनवरिपोतेसंबधी समुत्पविषयकोषपनपोसमयञाननिरनकरिपोतेसवधी सम D0-2 Postattosbadstotobato
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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