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________________ वमापवान कमायरो वा जयजयनन्दा भइन्ते प्राम्यदेव नवर भदन्तं भवन्विति भेष' पजियमियादीन्यायसमामि म्यवानि रन्दोव इत्यादि विहगरित्ति एतदन्त वाचमाहवेऽपि व्या नवरं पपासमम्मोत्ति पनघोमिलाप समपः समगपरिवार पति पतीव तुष्ट परमाठ पास , यामिति तत्कायापचया पदुरबष्ट मायुस्तत् परमावु गामागरमगरडकपरमपदोष मुहपापासमसवापसमिवेसाणं गामी बनपदापामिन पाबरो सपणा त्पत्तिभूमि नगर पविद्यमानकर खेट धमाकारं वर्षट नगर मग्य पविघमागासवनिवेगान्तर द्रोण मुख मतपय स्वस्त ecapatos तागणं मरीयमणपाएं बवासार बजामसपाइ वाममासाद बडवाममयसइमार पण इसमग्गो . इसवको परमोउपाक्षया िमयसपरिघुगे पाएषयरोए अब सिचवडण गामागर या गर खेड कव्यष्ठ मष्लब जोतपापपोशमन मित्रवर्यपातियो चौताधारपासतासमवर्गमाहपसिण्यो निमदेवतामाहिमोट प्रतिम पमरदजिमपसरहमारमाधि • मोटसतिम घरभिमनागकुमार देवसामाहिमोटतिम मानिमतारामांरिमोटतिम भरतवनवतिनिममनुष्यसमामाभिमोटएप्तिम गषवारकवरससगो घणावरसनासहस्रनमी घषावासवरसमासससगी पधारवामवरसनायससानसापसगी पनिघनिदापमतिसमतपरि पार सविस्मर्वतराष्टसंतोषीमतपो परमसरलास पाधापासीमासमपनुसारर इटवाभमनसोकापनिणयप्यु परिव पथको संपा नगरोगपधिपतिपय पनेरा पनेरागषणा गोमवारिपीटा उपागरमप्रमुपनी उत्पत्तिधानव भगरनिहारनपी विधिसिनोठिगवा कर्वट अमितनगरमांम मांबविहादूबह सनिवेपनको दोषमुपक्षपषमपंचरसरित पाटपासण्यप्रमखमि पायमलापमनाठोमरहिवाना निगम or
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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