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पुष्करवतीषु वा दर्घिकास व अनुसार बोपु ष्ठ निषेधितानि रम्याषि जागृहाणि यत्र स तथा । पिंडिमोहारिम सुगंधर भिम हर महागंधद्धता पिडिमनिहरिमा पुइस समूहरूपा दूरदेपगाममोच्च सुगन्धि सन्धिका शुभसुरभिभ्यो गन्धान्तरेभ्य सकाशा मनोहरा या सा तथा ताथ महता मोचनप्रकारेच विभक्तिव्यत्ययान्महती वा गन्धएव ध्वनिहेतुत्वात्तुमिकारित्वान्धवनिम्ता सवसति च विशेषपमेय मितोऽन्यान्यपि चाचाविश्व गुच्य गुम तक घर कसुर से वे सब था नामाविधा गुच्छा गुल्माभि मण्डपका गृहाणि येषामन्ति से तथा शुभा मेतषी मार्गा भावाय पाचोवा के तवोष्य धावलावर पोये पान्ते तथा तत कमधारय । अगर आप शुसिवियपविमायण प्रमेयां रथादीनां मध्ये इतिनिम्तित्वात् प्रविमोचन येषु ते तथा । सुरमापासायादरिस पिया अभिरुवापविति एतामय उपविशेषणानि वन पछ विशेषणतया
रम्भादरए पिडिमोहारिम सुगंधि सुरसुरभि मणहरथ महयागधदणिं मुक्ता गायाविहगुच्छ गुम्म मष्टक घरका सुहमे उ के बहुला वेगरह जाय जुग्ग सिविय पविमोयणा सुरम्मा पासादौया दरिम गिज्या प्रभि पुष्करिपोषाखोषणा कमलसहित दोषिकापापोमोनोकपथवा पंडोपोतनवियर सुतु निवेश्याथाप्पाएर रमपोज जानवरजा खियरिघ र गिट पुलसमूहरूप जेषगरि गोजातां एडवासगध शुभमुरहट मनोहर धकारपदपूरणभयो मोटीघणागंधगी ध्वनिसमूएम कता परवाह पर नाना प्रकारगुष्यधमत्र मुल्य भनद्रापमहिनामाघर शुभरूडामार्ग प्राणवास पासिमन तु ध्वजाघनीजि अनेक पारथस पामिका यानगाठा तिथिभ्यास विविधापारापीप्रमुख नए मविमोचनम् विउष्ठि, भचारमपोषाखर मायादभोजपतोष विराम सवार बेहना