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मिति पश् चिमहामेघमिवेति खते 'मद्यपवचनश्णवेग 'मनपवनत्रयो वेगो यस्य तत्त्वा तत मोघ्रवेगमिव पचित् । भौमसमा मियायो सांग्रामिक प्रयोग परिवारो वस्त्र तत्त्वा तत् पाठान्तरे संम्मा मिमाघीण सांधामिका तोच सत्यामिववाद्यमित्यर्थं पाठान्तरे सांग्रामिकं अयोध्य येन सहा त्रिय परिप्प पटिकणेत्ता हयगयर इपवर मोहकति । चाउर गिणिंसेण' समाहेर साहित्ता' जेणेव बस्तवाडए तेणेत्र उत्रागच्छर वागच्छित्ता एश्रमागत्तिय पचप्पियर 'सएयं से बलवाउए जायसा लिअसहावे इश्ता एवं षयासो खिप्पामेषं भोदेवाबुप्पिया सुभद्दापमुहावं देषौणं माहिरियाए उबट्टायमालाए पविच पाठिश्रचाइ नेत्रनिमस्तकभिपेक्षपणे हनिए भनेरायोवचट वोजादाथोमांचि परत समान मोट मायोम्पलेचश्त्र फोसहितघनेर हस्तीभूमीन सवार गुपत विशेषवको सबसकर करो नह] इयघोवागज हस्तीरथ मोटा सग्रामिकयोसुभटपाथियारतेयार का सितमनोवरता करउध• चतुर जिवा कटान अधिकारीदर तिष्ठां गिवीपारि प्रकारमौसेनाकट बसाइ सहन सब गारसहित र सदा होसह करोनर पावर तिभावोनर ठाकुरसीपदोषी तोतेहपात्रा पाठीसह परतेकामकाज करोमधू तिवारपणी वसवाटपात घोषधिकारी जाय गावसिमा सावेदने धाविवरमदाते संभाष करतेह तेयानमा सानामधिष्ठारोन श्यामशाला नश्तेछन एवं कतिव महोदेवाप्रियवरसप्रभाववत समद्राममुष्वपादिदेवून देवोपटरापोते ही ● वाहिरियो उपस्थानाताळम प्रत्येक पर दोषी कोराची प्रतिपूर्वक एडवा यात्राभगवतमा दिया जादू भिमा चोवीस करो
चिपक तावयस्यार सिवानीने सभावइतिभाव