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________________ - पताताभिस्तदितराभिरतिपत्तावाभिय पताकोपरिवत्तिमोभिवंचिता या सातपाता। पोनगरौपचवर्षयवसवासुगममीय भापत्तियंपञ्चप्पिणा । हित्ति पाचप्तिहा मात्र प्रवपय सम्पाय मम मियदये स्थर्व निवाएत्तितिव्याहतो महामाव प्रचाभिमेय मिरयति यस्वचिदन्यते एण रमा एपयुत्ते समाणे सजावहिपए करयक्षपरिस्गहियं मिरसाव मत्थए अलिक एवषयासौ मामिप्ति पाणार विणपर्ष वयणं पछि सुदरता पस्थिवाउच धामति पामतेत्ता एपवयासी खिप्पामेष भोटेवापुप्पिया कुणिप्रस रणो ममसारपुत्ता पाभिसेल त्यिरयणं पड़िकप्पेश हयगयरपपरोहकलिय पाउर गिणि सेस पपामासामारोगा मुझनरम पर निवारवामिन बार पापिसम पतपनारपसार भगवतनामवंत महावीरकम गत नाजोपयहार बौदवा नमस्कारपरिवाम यो तिमारपोते बसवावाटसदसनसपधिकारी शिव राजार पायोपवरष कहियेवो विषयतुष्टमतोम वंतवायदपोपने रापोश देशपाम्या परतावविपरिगतिपमानारोगनीपर महापापीपावत्र्तवाररवारपांशिर मतकन विपर जसितापक्रमोशेवरोगर पहप वश्विद्यापपो रेखामोति एतबार पाचारबरोमषित विनयरकरीसहित वनराजाष्पिमाल विशेषधोकानेसामसर समितीने हस्तिवापावीमतमोटरुपांतारवहमति पामवरसाददेनिने डर बोनर एससकार पिप्रखतावसनिययसस पहोदेवासुमिपसरससमाधिरामानव ते पिवर्मभमारराजाषिवनपुषहमराभिषेशसहित हस्तीरक्षपाटनुपासावीवेत विपरस्पर सोभाश गारस पानापरउयधोगगामौरबमोटासंपामिकयोधपारिवारसमटतेपक्षितमनोपर चारप्रचारनौसेनाबट क्षसम्परत गारादि ।
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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