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________________ - - totorate वेगन यतरनिकायविशेषता रवमभापविया उपरितनयोजनमततिर विविधाएत पूस्याहाचपस चलपित्तयोस पदाप्पिया परायपपचिपा पतिध पसमान सा बोउन कोड़ाद्रव्यश्व परिहासप्तमिया सात वधारम.! गंभीरसियभपियपियगीयनसपर गम्भीर पसित येषा भवित प धावामयोग मिय वेषां गौतमृप्सयोपरतियपी ते तवा'गहिरासियगीयमवपरसूति समिप्यते व्यास पवषमासामसमउ एलस दबिपियाभरण धावविभूमष धरा वममा रवादिमय पाप्रपदोन पाभरपापियेष पामेधा पुष्पोरख सकट सुवर्णादिमयं सामिप प्रतीतानि पताम्य व सान्दविफ बिताभरपानि प्राभिप्रायनिर्मितासहारा संयंचावविभूपय भूषा तारयन्ति ये से तथा । सषोठय सरभिकुराम सरयपलं सोचतातनियस तपित्त पषमासरस्व छा/सर्वत्तुबानि सर्वसत्सम्भवानि यानि पुरमीपिकुसुमानित सुरपिता या सा तथा साधासो मसम्पाप गोमनाम वान्ताप विक पणिय इसिवादोय ममयादीप कंदीय महाकदिपाय करंस पयय देवा |चच तचषस्नचित्त कोलणदखप्पि या गंभीर इसियमणि धपौधगौत्रणञ्च गरई वण माला मेलमउडक सप्लसच्छ दबिबाहरण चारविभूसण परा सब्बोउय निकायमागपसमूह निसपगंधर्वभस उनाटिकचितमीतविपस्तथानाटिरहितगीतविपरतिसातासमर पपपवीनामा' पणपवियनामिक सिवादिनाम भूतवादीपमाम छोत मपाक दिवमामय कु. प्रयतमामिपाठम देवतोवाणमंतर सप्तपपसपित्तमननापणी कोठा वरनपनदयपरिहासप्रियवासायनर गंभौरवारियमोहसिवछपनमणिपस योसिवछमियवार गीतपनरनाचि तेणरकारीरतिभ्याता . पाम बनमालारवमयामरण पामराफसमाचारह सकटमोगाईसवाननापाभरप सादपोताना दिपापपापभिप्रायवेपरविपुष्याम - -
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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