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________________ PRP-A व्यन्तरनिकायविशेषभूता रम्भापविव्या उपरितनयोजनशतवतिम विविधापत इत्याह वित्तयोराण पिया' चचप पचविता प्रतिप मानसा फोडनं प्राद्रव्यन्न परिहास मिया न्तत धारयने गंभीर सियनियपियगीय नथ बरई/गभोर एसित येो भवित च वाणप्रयोग प्रदेर्पा गीतगोचरतियां ते तथा 'गविरहविगीयनच परपूर्ति व्यव च वर्षमा सामेव सदविसध्वियाभरणधाय विभूषण धरा वनमाला रखादिम घामपदोन भाभरणविशेष' पामेशश' पुष्पगे सरक सुटं सुवर्षादिमयं कुष्ठतानि मतोतानि एतान्यव स्वादविक चिंताभरचानि स्वाभिप्रायनिर्मितामद्वारा प्रचारविभूषण भूपा तारयशि ये ते तथा । सब्वीयसुरभिकुसुम सुपरसोपंततनियतचित्त बरहा सर्वकानि सऋतु सन्भवानि यागि सरभोपि कुसुमानि ते पुरविता या सा तथा सापासौ पलम्याच शोमनाथ थाना विक पथि सिवादी भूषवादोष कंदीय महामंदिपाय कईड पययदेषा । चचत चयनचित्त कौलणदव्वप्पिया गंभीर भिपि चमच्च रई वर्णमाला मेलम लडकुडलसच्छ दविता हरण घामविभूषण वरा सव्वोय frutantre समूह पि धर्वभ उनाटिक सतिगोतविद्य तथा माटिक रचित गीतविदूरतसाता रोहन भणपतीनामा! पणपत्रियमामि २ सिवादितामर । भूतवादोपनामै दोत महादिनाम कु४० प्रयतनामपाठम् देवतांवाण मंतर चंचलपपवित्समननापथी फोडा सूक्ष्मपन द्रव्यपरिहासमिवाब हम रहन गंभीरवारियो सिवल घनघूभ विउ वोतिष प्रियवास गोतमनमा चियु ते पार करोरतिस्याता पामबूदबू वनमाचारवमयधामरव्य धाम सफ समट से हर सकुट सोनामुखानमाचाभरण मच्द्र दपोताना दिश्रापबाधभिप्राय विकुष्य मे (I ---01-19
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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