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________________ अामचान्तात् प्रामरचान्त ममवातामुतापस्य बासोकरिकादेरिव या हिसादिषु महति सेव दोष आमरणान्तदोष ॥ इष्ठ चातिरौद्र परिहार्य तमा साविशेषले धर्मपलवावेष्यतयेति चतप्यडोवारेति चतुर्षु भेदवचसा सम्वनातु मे चासचचेषु पदार्थेषु प्रायवतार समता प्रमाणरूप यत्र तचतु ममवतारमिति चाचाविज पत्ति पात्रा जिनमवचन तथा विषयो भियं यो यत्र तदानाविषय प्राकृतखा दाणाविषयं । पात्रा गुणामुचितन मिर्व एव शेषपदान्यपि तवर अपाया रागडे पाहिबन्धा न विपाक वापस सस्थामानि सोकोप समुद्राचालतय ॥ छ ॥ नियुक्तादिवच्चानां विसम्मति स्वभावत एव तत्ववानां वसति साधूपदेशात्तत्ववान सत्तति भागमा तत्वयष्ठानो पासम्यपत्ति पाम्य श्रमतदोसे घम्मेभाणे चटष्विहे चठप्पष्ठोवारे पत्ते तनहा प्राणायिनए श्रावायषिजए विवागविजए मठापत्रिणए घम्मरसमञ्झासस्स चत्तारिलक्लया पखन्ता त भाणारुई णिसम्गरुई उषदेमदई सुप्तरुई धम्ममण प्रत्यबतार एतचरच्चारिचोक सोमवार मन्त्रमका तीर्थकरण कहर भाषाविषय पानिप्रवचनकर्मी विजयनिर्णय पाचागुणनो चिंतन वायविषय रागदेषच श्रीधमधच पार एडवोचितन विपाकविजय धर्मेतु फलभोगमा विनानकूट एडवोसिन सठा विजय डोप समुद्रादिक जालोमा खानाकारते४मोचिंतन विनवचनार्बनिस वरूपघ में ध्यानतेहना चारिचय इति धर्मस्यानयुधप्पोमाचिय पयु प्रम कलातोर्वकरण तेकरण भगवंतगोपानामी कवितेहनो सहर पनि सिह मसग उपपासापोर चिसाचोसह हा उपदेश गुरुभाषिते nteferee] सिद्धांत मोदविशेहमातत्वमसदपा बिमवचनार्थ मिस वरूपये व में ध्यान से हना चारिभाववनधर्म ध्यान रूपघरनशि रिंच
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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