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________________ maoTAमरमानन समोर रिमविषयपत्तेसु पये प्रति योन्द्रियगोचरप्राप्पापु पन्दपु बस प्रविष्ट वित्यर्थः पारामभुत्ति पुष्पप्रधान वनेषु पलासिनि पुप्पासो : घारिदियषिमयपत्त सुचत्य सुरागदोपनिग्गो निम्भिदियविमयपयारनिरोशोपा जिभि दियविसयपत्ते सुध त्यस रागदोसनिग्ग हो फासिदियविसयपयारनिरोहोवा फासिदि अषिसयपत्ते मुश्रत्य सुरागदीसनिग्गहोवा सेप्त दिध पचिस क्षोपया १ मेकित कसायपटिस लोयया २ पविहा पसता तवहा कोइमा दयनिरोधोका उदयपत्त । पावीनराम्बरपातपरिपाक पतेहनविपररराग पनिप्रतिवनिवारिवाएतसरारपारागमडीपायुपरपा पनहर पारिदियमास कालेधनसवेविषयगंधानविपवारमवर्तितस्तेनरनिरोधकधिषस निवारिवर प्राविंद्रियनासिवाते नवविषयगधीपत्तमासिकामे विये पापोमर पापमपातपातयापापोरसतानविपरागडे पमिश्विषनिवारिवछपतसरकाररागमधीपायुर पनयो बिभिदियोषिता देशमवेषिपयरसनाने विपरपवारम्पत्ति पर तेागनिरोधक विष निवारवर विभिदियत्रिपानावविषयरसवेपत्त विद्यामर विपरपावीमा पाम्यसपकातवापारपोरसागर विपररामा पनिपरिवहनिषारिवछएतसासारागमकरिवसपनरपात पगधरिवछ पासिदियसरीरमीत्यचा तेहनस्वेषियरसानाविषप्रवारपवर्तिवमतेरमनिरोधक वह निवारको फासिंदियसरौरनीखचातेहमसलेविषयपरसतेपायरीरनीखपाली विपारपापोनरपम्मिटपर्वत उत्तवाणसपरसन विपरागहेपभिपहियोनिवारवसएतच एकतारागनकरवरुपास पनरुधरवत पर द्विवनीपसिस यस ससीनतासंपरवरवियरतेशपावनीपतिसयर संसौनतासवरसर चारमबार प्रप्रसवनातीर्थकर गपधरेतेपरवर फ्रोधरीसनष्ठ सदयधप
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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