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________________ bestofISAGA+ --- सेन भगवता पंचो बहुत चिपि प्रतिबन्धी भवतीति तथथा द्रव्यतः द्रव्य सवितादिपुर देवतो प्रामादि५० तत्र धान्यजन्मभूमि पर्व धान्यमपवनादिफ शेषाणि मधानि कालत मा तव समयः सर्वनिष्ट कालः प्राविका सातसमया यावत् refer [werपायू वा उच्छासनिवासकासमयं चोदे वा सप्तमाषमाने सवे वा सप्तम्योकमा भुत्ते या लवसप्तसप्ततिमाने महोराव पचमासा प्रतीता भमर्ष दविद्यायन मितरच प्रन्यतरेवा छोटास जत्ति वपयतादौ तावत् क्रोधादिपुर एवं सेसि न भवति एवं प्रमुमा प्रकारे तयां न भवति प्रतिबन्ध इति मत बासावासवाति व माहपि वासो निवास मित्तं गामेच्छगराश्यत्ति एकरात्री वासमानतया मेष ते एकराविका एवं नगरे पश्चरात्रिका इति एतच प्रतिमा कविनाश्रित्यो मन्ये । मासवत्यविश्वारित्वादिति वासीषदप समाण सच्चित्ताचितमोसे सुदयेसु खेतबो गामेषा यगरेषा रखवा खेत्तिमा खलेवा घरेवा अंगणेवा कालो समा वाएगा बावलेवा भमतरेषा दोड़कालस जोगे भावच्चो को हेवा माणेग मायाएया लोहेषा भएवा सहितइत्यादिकद्रव्यमविपर देववती गांमनविषर नगरकररहित सेनविपर पटवोनरवियर से पधानवाविवानाठांमनविपद् वांगम मानपि वरवसिवानाठ मनजिपर घरमा गया नरवियर कालयको समयसूक्ष्मकासन द्रविपर भावसोपस स्यात समय रूपलाव मदथवीवोज वाचन महमासरूप भनेर जेवलो दोघं मोटकामते हम उस योगन विपद् भावषको शोषविपर मानप्रभिमानविपर माया परवचनानविपर सोमवच्छाविये भयविपाणविपर एडवसप्रतिबंधचित प्रकार से साधुन ते भगवतमहिमावतमाठ वर्षाकाल Co
SR No.007378
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1896
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size9 MB
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