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________________ कृत्यादयोविद्यते यत्रतत्तथा द्वितीयायानिर्यिकतिकटतीयायामलेपकारिचतुर्थ्यामाचावमिति प्रथमपरिपाटीप्रमाणंचतुगांसर्व * प्रमाणंभवतीति मजासिंकनि:मीडितसप्य यमेरभनति नपरंचतुर्वादिचतुति गादि चतुर्नपर्यंतमध्ये दाविंगोपेतंसर्च स्वयसूचनी __ अनुमंकरितिश्त्ता छ पारितिश्त्ता च उत्य करितिश्त्ता सजत्यसकामगुणियं पारणंपातिएवं खलुएमाखुड्डागसो हगिजीलियप्ता तत्रोकन्यम्म पढमापरिवाडीहिं मासेहिंसत्तहिं अहोरत्तेहि । * रेकरीने पउपपानच्यारकर करीनेपारणोकरें पहें उपयानपांगारे करीने पारगोकरें पविग उपनासारेकरीने पारणोकरें * पवनी४ उपवासकरेंकरीने पारगोकरें परें उपयानये करपारपोसरीने पउपपामतिगाकरकरीनेपारगोकरें परें एकउपवास कोकरीने पारगोकरें परें उपयागकरेकरीने पारगोकरें परें एकउपयाम करेफरीने पारगोसरें प्रथमपरिपाटीनेवि पारण' मगणिरूपारेमगलाकामगुणक० मनोरमपर्यायपिंगगनेवीरें पारणाने विपेएतले सगलामनोज याचारसगलीविगयले पार पोकरे' एण'प्रकारे निणयएलघुमिनिमोतिनीसपारवानीप्रथमपचिन्नीपरियाधीना एकमोधोपनतपनादिवस' मनेनेत्री
SR No.007376
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1909
Total Pages1487
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, & agam_gyatadharmkatha
File Size50 MB
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