________________
*****************ER
मयंगतीरद्दहेत्ति मृतगंगातीरद्रदः मृतगंगायत्रगंगादेथे जलंव्यूढमासीदिति आनुपूर्वेण परिपाव्यामुटुजातावप्रास्तटायत्रस्तथा गंभीरमगावंशीतलंचलं यत्रस्तथाततः पदद्वयस्यकर्म्मधारयः कचिदिदमधिकंदृश्यते यच्छविमलसलिल पडिच्छा प्रतीतंनवरंभृतत्वा
तेणंकालेणंतेण समएणं वाणार सीणामंण्यरोहोत्या वणश्रोती से गंवायारसी एण्यरीए वहियाउ त्तरपुरच्छिमेदि सौभाएगां गाएम हाई एमयंगती रद्दहेगामंदहोत्था श्रणुपुव्वसुजायवष्प गंभीरसौ अर्थ कह्योतेसाभल्यो हिवचौथाज्ञाता अध्ययननो श्रमण भगवंत श्रीमहावीर देवे कुणन्प्रर्थ के वो अर्थ प्ररुप्पोकह्योतेउपरिसुधर्मास्वा मीजंबूप्रतेचौथा श्रध्ययननो अर्थ कहे के इगोप्रकारे निश्चयसहित हेजंबू तेकालतेसमयनेविषे वाणारसीनामानगरी होतीडईतेनग रीनोवयउवाई थी जांणवो तेयागारसीनगरीनेविये बाहिर उत्तरपूर्वदिसिनोभाग एतलेईशाणिकूणिनाभागनेविषे गंगानामा नदीमोटीनेविपेम्टतगंगातीरेद्र हडतोयोम्टतगंगा कहतानिहा गंगानदीनाएकप्रदेसने पाणीवहेते मृतगंगाकहीयेतेम्टतगंगातीर द्रहकेहवोछे ग्रानुपूर्वेकेडाके डिंपरिपाटीइ करीसुसृष्ट, भलाजातथया के वटतटनेम्टतगंगातीर नेविषेतथागंभीरड' हुँमा शीतलता
****************