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________________ (१) वाममार्गीयों का परिचय सर्वथा छोडना होगा । (२) मांस मदिरादि अभक्ष पदार्थों का सर्वथा त्याग करना होगा। (३) श्रद्धापूर्वक जैन धर्म का सदैव पालन करना होगा। ..(४) जैन मन्दिरों वह उपासरों का काजा, कचरा सदैव निकालना होगा। (५) जैन मन्दिरों के बरतन चरकादि हमेशां घास मांज के तैयार करना होगा । (६) मुनि महाराजों की सेवाभक्ति सदैव करता रहना । (७) महाजनों की सेवा-चोकरी में सदैव हाजर रहेना होगा। (८) महाजनो के न्याति कार्यों में नेता तेड़ा देना होगा। (९) महाजन संघको एकत्र करने को घर घर बुलानेकों जाना होगा। . (१०) महाजनोंकी बहु बेटियों सासरे वह पीयर जानेके समय तुम्हारी औरतें साथ पहुँचानेकों जावेगी। (११) महाजनों के सिवाय अन्य कोम से याचना नहीं करनी। (१२) महाजनों के साथ आजसे तुम्हारा यह व्यवहार रहेगा कि महाजनों को देखते ही तुमका कहना होगा कि " पार्श्वनाथ उदय करे” “भगवान सहाय करे”. इस पर महाजन कहगा कि "हाँ आओ भाट राव." __पूर्वोक्त शर्ते तुम लोग सादर पालन करोंगे तो महाजन संघ निम्नलिखित शौसे तुम्हारी सहायता करेंगे।
SR No.007300
Book TitleLo Isko Bbhi Padh Lo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRishabhdas Mahatma
PublisherRishabhdas Mahatma
Publication Year1940
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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