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[ ७ ] . प्रमाण को रख कर इतिहास लिखा जाय तो उसमें विशेष
सफलता मिल सकती है । कान्ति-श्राप परोक्ष प्रमाण किसको कहते हो ? शान्ति-आगम और अनुमान को परोक्ष प्रमाण कहा जाता है। कान्ति-आगम के क्या माने होते हैं ? शान्ति-प्राचीन समय में लिखे हुए सूत्र या प्रन्थ, और पट्टावलियों
वंशावलियों यह भी आगमों में समावेश हो सकती हैं तथा.
एक वस्तु का दूसरो वस्तु के साथ सम्बन्ध जोड़ना तथा . आगे चलकर वह किसी अंश में सत्य निकलता हो. उसे
अनुमान प्रमाण कहते हैं। कान्ति-मेहरवान ! श्राप जी चाहे उतने प्रमाण माने पर मैं
तो एक प्रत्यक्ष प्रमाण को ही मानता हूँ। शान्ति-मेहरवान । एक विद्वान का कहना भी आपने सुना है ? कान्ति-नहीं ? वह कौनसा है कृपया सुनाइये। शान्ति-सुनिये "वस्तु की मूल स्थिति पहचानने को मुख्य दो
प्रमाणों को आवश्यकता है (१) प्रत्यक्ष प्रमाण ( २ ) परोक्ष प्रमाण (आगम और अनुमान) यद्यपि परोक्ष प्रमाण प्रत्यक्ष प्रमाण के सामने गौण है। तथापि परोक्ष प्रमाण के बिना प्रत्यक्ष प्रमाण का काम भी नहीं चलता है । सच पूछो तो परोक्ष प्रमाण, प्रत्यक्ष प्रमाण का सच्चा मार्ग दर्शक है। परोक्ष प्रमाण की सहायता से ही प्रत्यक्ष प्रमाण आगे चलता है इतना ही नहीं पर प्रत्यक्ष प्रमाण वाले पग पग पर ।
अनुमान प्रमाण का शरण लिया करते हैं। . कान्ति-मैं खण्डन मण्डन में उतरना नहीं चाहता हूँ पर यह