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· श्री जैन इतिहास ज्ञान भानू किरण नं० २
॥ श्रीरत्नप्रभसूरीश्वरपादपद्मेभ्योनमः ॥ प्राचीन जैन इतिहास संग्रह
द्वितीय भाग] जैन राजाओं का इतिहास
---- -- नि धर्म वीर क्षत्रियों का धर्म है, इस श्रोसपिणि ज काल अपेक्षा श्री ऋषभादि चौवीस तीर्थकर,
2. भरतादि बारह चक्रवर्ति, रामचन्द्रादि नौ
23 बलदेव कृष्णादि नौवासुदेव, सम्राट रावणादि नौ प्रति वासुदेव, और मंडलीक राजा महाराजा इस धर्म के उपासक ही नहीं पर कट्टर प्रचारक थे, इसलिये ही जैन धर्म विश्व धर्म कहलाता था और जहाँ तक जैन धर्म राष्ट्रीय धर्म रहा वहां तक संसार की उत्तरोत्तर उन्नति होती रही, सुख और शान्ति में जनता अपना कल्याण करने में तत्पर रहती थी। ___ वर्तमान समय केवल वैश्य जाति ही जैन धर्म पालन करती देख. कई लोग कह उठते हैं कि जैन धर्म मात्र वैश्य जाति का