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[ ९ ] . शान्ति-बलिहारी है आपके सोध खोज की जिन महापुरुष
ऋषभदेव को जैन हिन्दू और मुसलमान अपना आदि पुरुष . और एक महान् धर्म प्रचारक मानते हैं बड़ा ही अफसोस है
कि जगत्प्रसिद्ध भगवान् ऋषभदेव का आप जैसे विद्वानों औरः खोज करने वालों को नाम तक का ज्ञान नहीं यह कितना
अन्धकार ? कान्ति-मित्र घबरावें नहीं मैं तो इतिहास को ही मानने वाला हूँ शान्ति-खैर ! आप यह बतलाइये कि आपके पिता का क्या
नाम है ? कान्ति-मेरे पिता का नाम है केशरीसिंह । ...... -शान्ति-क्या सबूत ? कान्ति-दूकान पर मौजूद, बैठे हैं आप देखलें। ........ शान्ति- केशरीसिंह के पिता का क्या नाम है ? .. कान्ति-उमरावसिंह । शान्ति-क्या प्रमाण है? कान्ति-हमारे पिता मह के समय का उनका फोटू मेरे पास है। शान्ति-उमरावसिंह के पिता का क्या नाम है ? कान्ति-रामसिंह । शान्ति-क्या सबूत ? कान्ति-उन्होंने एक सुनार से सोना की कंठी खरीद की थी ... उसके रुपये सोनार की बही में नांवे मंडा हुश्रा था. जिसके
रुपये व्याज सहित मैंने हाल ही चुकाये हैं। शान्ति-रामसिंह के पिता का क्या नाम ?.. कान्ति-छत्रसिंह। .. .. . .
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कान्तिमरावासह ।