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श्री लब्धिसूरीश्वर जैन ग्रन्थमालायाः अष्टमो मणि: [ ८ ]
जैनरत्न व्याख्यानवाचस्पति कविकुलकिरीट सूरिसार्वभौम जैनाचार्य श्रीमद्विजयलब्धिसूरीश्वर -
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1900
विरचिता
श्री चैत्यवन्दनचतुर्विंशतिः ।
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जीवरक्षाप्रचारकाचार्यवर्य श्रीमद्विजयगंभीरसूरि वरोपदिष्ट-मद्रास जैन संघार्षितार्थ साहाय्येन
प्रकाशप्रापयित्री
श्री लब्धिसूरीश्वर जैन ग्रन्थमाला |
वीर सं. २४६५ विक्रम १९९५
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मूल्यमाणकद्वयम्
*.................................... 100000........
आत्म सं. ४४
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