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________________ ४४ प्र० वि० संवत् सं० १५३२ वै० शु० ३ सं० १५६५ वै० कृ० ३ रवि ० प्र० प्रतिमा नमिनाथ सं० १५२३ माघ मुनिसुव्रतकृ० ६ शनि० चोवीशी सुमतिनाथ वृ० तपा० धर्मरत्नसूरि सं० १४६४ मार्ग ० धर्मनाथ शु० ११ शुक्र ० : प्राग्वाट - इतिहास : प्र० श्राचार्य प्रा० ज्ञा० प्रतिमा प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि तपा० लक्ष्मी- प्रा० ज्ञा० श्रे० नरपाल भा० वर्जूदेवी के पुत्र झांझण ने सागरसूरि भा० जीविणीदेवी, पुत्र विरुत्रा भा० हांसीदेवी प्रमुखकुटुम्ब के सहित स्वश्रेयोर्थ. के जंबूसरवासी प्रा०ज्ञा० वृ० शा ० ० राजा भा० राजुलदेवी पुत्र कालू भा० धर्मादेवी के पुत्र शाखा की स्त्री रहीदेवी स्वपति के श्रेयोर्थ. श्री नेमनाथ - जिनालय में (भोंगरापाड़ा) सूरि तपा० लक्ष्मीसागर - प्रा० ज्ञा० श्रे० भोला की भा० वयजादेवी के पुत्र श्रे० कान्हा की भार्या विजयादेवी के पुत्र सं० केशव ने स्वभा० जीनादेवी, पुत्र सं० हंसराज, गुणपति, हंसराज की स्त्री सोनादेवी पुत्र झांझण, मांडण प्रमुखकुटुम्व के सहित स्वश्रेयोर्थ. श्री चन्द्रप्रभ - जिनालय में (भोंगरापाड़ा) श्रीवरि सं० १५०८ चै० शांतिनाथ श्रागमगच्छीय १३ रवि ० श्रीसिंहदर [ तृतीय श्री चिंतामणि- पार्श्वनाथ - जिनालय में (शकोपुर) प्रा० ज्ञा० मं० नागड़ की स्त्री हीरादेवी के पुत्र मं० गांगद की स्त्री गंगादेवी के पुत्र मं० कूपा ने स्वभा० रूपिणी, भ्रातृज मं० वीसा, हीरादि सहित स्वश्रेयोर्थ. प्रा०ज्ञा० श्रे० मेला ने स्त्री अमकूदेवी, पुत्र राजा, सामंत, पिता-माता के श्रेयोर्थ. श्री पार्श्वनाथ - जिनालय में (माणिकचौक ) सं० १५२५ माघ अनंतनाथ तपा० लक्ष्मीसागर- प्रा० ज्ञा० ० पर्वत की स्त्री फलीदेवी के पुत्र श्रे० गेपा, भ्रातृ खीमराज ने स्वभा० रत्नादेवी प्र० कु० सहित. कृ० ६ सूर सं० १५२८ आषा. श्रेयांसनाथ खरतरगच्छीय शु० २ सोम ० प्रा० ज्ञा० श्रे० साहूल के पुत्र शिवराज ने स्वमा० रत्नादेवी, पुत्र श्रीराज, गईया आदि सहित पूर्वज - श्रेयोर्थ. जिनचन्द्रसूरि सं० १५६८ वै० शु० ३ शुक्र० आदिनाथ तपा० हेमविमलसूरि प्रा० ज्ञा० मं० सोमराज की भा० मटकूदेवी के पुत्र जूठा ने स्वभा० वल्हादेवी, पुत्र वच्छा, हर्षा आदि सकल कुटुम्ब के श्रेयोर्थ. जे० घा० प्र० ले० सं० भा० २ ले० ८७३, ८७६, ८८५, ८६३, ६०६, ६१८, ६३६, ६३६ ।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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