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________________ खस] : विभिन्न प्रान्तों में प्रा०मा० सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमाये-गूर्जर-काठियावाड़ और सौराष्ट्र-मातर :: [४७ मातर के श्री सुमतिनाथ-प्रमुख-बावन-जिनालय में प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा प्र० प्राचार्य प्रा. ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि सं० १४११ ज्ये० आदिनाथ श्रीमाणदेवसरि प्रा०ज्ञा० दो० लोला भा० फुरदेवी दोनों के श्रेयोर्थ भाका ने. शु० १२ शनि० (मड़ाहड़) सं० १४२४ वै० महावीर देवचन्द्रसूरि प्रा० ज्ञा० पिता देला,माता लाछि के श्रेयोर्थ सुत नरदेव ने. शु० २ बुध० सं० १४३८ ज्ये० धर्मनाथ - मलयचंद्रसूरि प्रा. ज्ञा० श्रे० मोखट भा० सोमलदेवी के पुत्र झांझप ने कृ० ४ शनि० पिता-माता के श्रेयोर्थ. सं० १४७१ माघ शांतिनाथ तपा० सोमसुन्दर- प्रा. ज्ञा० श्रे० सांगा भा० ऊमल के पुत्र लींबा ने स्व सूरि पिता-माता के श्रेयोर्थ. सं० १४८० वै० सम्भवनाथ गुणाकरमरि प्रा० ज्ञा० महं० पूनमचन्द्र भा० पूरीदेवी के पुत्र पान्हा ने कृ. ७ शुक्र० माता-पिता के श्रेयोर्थ. सं० १४६६ प्रा० मुनिसुव्रत तपा० मुनिसुन्दर- प्रा. ज्ञा० श्रे० सांगण भा० सदी के पुत्र खेतमल ने भा० शु०१० परिवाछा अपरनामा काऊदेवी,पुत्र वस्तीमल, वाघमलादिसहित भ्रा० हकू के श्रेयोथे. सं० १५०५ वै० सम्भवनाथ तपा० जयचन्द्रसूरि प्रा. ज्ञा. श्रे. नरसिंह भा० पूरीदेवी के पुत्र सदा ने भा० शु० ३ रूपिणीदेवी, पुत्र हेमराज, गणीश्रा आदि कुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ. सं० १५०५ पौ० मुनिसुव्रत , प्रा० ज्ञा० श्रे० महण भा० भर्मीदेवी के पुत्र कर्मराज ने शु. १५ भा० गुरीदेवी, कुन्तीदेवी, पुत्र वस्तीमल, हंसराजादिसहित. सं० १५१५ माघ अजितनाथ पूर्णिमा०प० प्रा० ज्ञा० परी० श्रे० गदा ने भा० वाछू पुत्र हीरा भा० जयशेखरसूरि हीरादेवी के तथा पिता-माता के श्रेयोर्थ एवं स्वश्रेयोर्थ. सं० १५२२ पौ० वासुपूज्य द्विवंदनीक ग. लोड़ाग्राम में प्रा० ज्ञा० श्रे० धनराज भा० मेचूदेवी के पुत्र शु० १३ सिद्धसरि वाला ने स्वभा० साधुदेवी, पुत्र जीवराजसहित स्वश्रेयोर्थ. सं० १५२३ वै० सुमतिनाथ तपा०लक्ष्मीसागर- प्रा० ज्ञा० श्रे० भोजराज की स्त्री हीरादेवी की पुत्री मान सरि देवी (श्रे० नरसार पुत्र हीरा की स्त्री) ने स्वश्रेयोर्थ. सं० १५२५ मार्ग• शीतलनाथ तपा०लक्ष्मीसागर- कौदरवग्राम में प्रा. ज्ञा० म० मंडन की स्त्री भासदेवी के शु० १० शुक्र. सरि पुत्र सोलराज ने भा० माणिकदेवी, पुत्र भचा,तेजादि सहित स्वश्रेयोर्थ. जै० घा० प्र० ले० सं० भा०२ ले०४६०, ४६६,५२६,५००, ५२२, ४६४,४८२, ४८, ४७६, ४ER, ४१६, ४७८।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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