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________________ ४१४] :: प्राग्वाट-इतिहास :: [तृतीय प्र० वि० संवत् सं० १५३२ वै० क० २ शुक्र० सं० १५६७ पौ० ० ५ शुक्र० प्र० प्रतिमा प्र० प्राचार्य प्रा० ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि संभवनाथ- पूर्णिःपुण्यरत्न- प्रा० ज्ञा. व्य. मामल भा० काईदेवी के पुत्र पाता चौवीशी सुरि भा० वाऊंदवी के पुत्र देवराज ने भार्या देवलदेवी प्र० भ्रातृ सामंत भा० लाड़ी पुत्र समधर भा० अजीदेवी सु० मांडण भोजराज, राणा, द्वि० भ्राता ऊदा भा० बाई पु० साईबा भा० सहिजादि सहित आदिनाथ जिनसाधुसरि साहआलवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० वीरचन्द्र भार्या माणदेवी, भरमादेवी स्वश्रेयोथे. श्री नवीन आदिनाथ-जिनालय में पंचतीर्थयाँ आदिनाथ नागेन्द्रगच्छीय प्रा० ज्ञा० शा० शिवराज भा० सहजलदेवी के पुत्र हर्षचंद्र, हेमसिंहसरि रूपचन्द्र ने हर्षचन्द्र भार्या लाडकुचर, पुत्र, माता, पिता, भृत्य के श्रेयोर्थ. धर्मनाथ हीरविजयसूरि कुमरगिरिवासी अंबाईगोत्रीय वृ० शाखीय प्रा० ज्ञा० श्रे० खीमराज भार्या कनकदेवी पुत्र ठाकुरसिंह मा० सोभागदेवी, पुत्र देवर्ण परिवारसहित स्वश्रेयोर्थ. जोधपुर सं० १५७० माघ शु०१३मंग० सं० १६२८ फा० शु०७ बुध. श्री महावीर-जिनालय में पातु-प्रतिमायें (जूनीमएड़ी) सं० १५०१ अजितनाथ श्रीसरि ... प्रा. ज्ञा० श्रे० डोडा की स्त्री राणी के पुत्र सुपाकने स्वस्त्री सरस्वती, पुत्र साजण आदि के सहित सं० १५६३ माघ सुमतिनाथ पूर्णिमागच्छीय प्रा० ज्ञा० श्रे० कला की स्त्री भमणादेवी के पुत्र सदा के शु० १५ गुरु० ...सागरसूरि पुत्र धना ने स्वस्त्री आदि के सहित धर्मनाथ-जिनालय में सं० १५०४ वै० मुनिसुव्रत तपा० जयचंद्र- धारवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० भण्डारी शाणी के पुत्र खीमसिंह शु० ३ सरि साया ने स्व-परिजनों के सहित स्वश्रेयोर्थ राजवैद्य भ० उदयचन्द्रजी के गृहजिनालय में सं० १५१६ वै० संभवनाथ तपा० रत्नशेखर- प्रा० ज्ञा० श्रे० मोखसिंह की स्त्री टमकूदेवी के पुत्र जाणा सूरि हरखू ने पुत्र पुंजारण स्त्री पाहुदेवी के पुत्र जिनदत्त के सहित जै० ले० सं० भा०२ ले० ११६८, ११६३, १२१३, १२१४. जै० ले० सं० भा० १ ले० ५८५, ५६५, ६२१ जै० ले० सं० भा०२ ले०१५८०,
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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