SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 584
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ खण्ड ] :: न्यायोपार्जित द्रव्य का सद्व्यय करके जैनवाङ्गमय की सेवा करने वाले प्राज्ञा० सद्गृहस्थ-वे सेवा :: [३८ उद्धरण सत्यदेव सुमदेव (मलपप्रमशरि) वाढू लीला दाहड़ [सिरियादेवी] लाडण सलखम लखमिणी सुखमिणी जसहिणि जेहि सोलाक सचणा] वासल सोलाक [लक्षणा] वासल महानगइरि बाल सादेवी मदनप्रभसूरि वीरुक साऊदेवी पाहुल ललितकीति (साधु) पासवीर बाहड़ छाड़ वान्ही दिवतिणि वस्तिणि [सुखमती][वसुधरी][पुण्यमती] कुमारपाल हिपाल गुणचंद्र गांगी पूर्णदेव पार्श्वचन्द्र [पुण्यश्री] सीलू नाउल देउलि झणकुलि [जिनसुन्दरी (साध्वी)] धनकुमार चन्दनबाला (साध्वी) धांधांक [माल्हिणी] -चांपलदेवी पान्हुदेवी - झांझण सेवा [पान्दणदेवी हरिचन्द्र जयदेवरि मोला जिन्यदेवी) सहादेवी बापयविकी
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy