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अनन्य शिल्पकलावतार श्री विमळवसहि के निर्माता गूर्जरमहाबलाधिकारी दंडनायक विमलशाह की हस्तिशाला में
प्रतिष्ठित अश्वारूढ मूर्ति ।
अनन्य शिल्पकलावतार श्री विमळवसहि की भ्रमती के उत्तर पक्ष के एक मण्डप में सरस्वतीदेवी की एक सुन्दर आकृति ।
एक ओर हाथ जोड़े हुये विमळशाह और दूसरी ओर गज लिये हुये सूत्रधार हाथ जोड़े हुये दिखाये गये हैं।