SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 234
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ हा प्रागभाव है। इसे स्वीकार नहीं करने पर अर्थात् सर्वथा भावैकान्त मानने पर प्रत्येक पर्याय अनादि-कालीन हो जाएगी; परन्तु यह तो सम्भव नहीं है; क्योंकि पर्याय तो मात्र एक समयवर्ती ही होती है। वर्तमान पर्याय का भविष्य-कालीन सभी पर्यायों में नहीं होना, प्रध्वंसाभाव है। इसे नहीं मानने पर अर्थात् सर्वथा भावैकान्त स्वीकार करने पर प्रत्येक पर्याय अनन्त-काल पर्यंत स्थाई हो जाएगी; परन्तु यह तो सम्भव नहीं है; क्योंकि पर्याय तो मात्र एक समयवर्ती ही होती है। ___एक वर्तमान स्कन्ध का दूसरे वर्तमान स्कन्ध में अभाव, अन्योन्याभाव है। इसे स्वीकार नहीं करने पर अर्थात् सर्वथा भावैकान्त मानने पर सभी स्कन्ध सबरूप/एकमेक हो जाएंगे; परन्तु यह तो कभी सम्भव नहीं है; क्योंकि स्कन्धगत परस्पर भिन्नता सभी को ज्ञात होती है। एक द्रव्य का दूसरे द्रव्य में पूर्णतया अभाव अत्यन्ताभाव है। इसे स्वी -कार नहीं करने पर अर्थात् सर्वथा भावैकान्त मानने पर किसी भी द्रव्य का अपना कोई स्वरूप ही निश्चित नहीं हो सकेगा; परन्तु यह तो सम्भव नहीं है; क्योंकि प्रत्येक द्रव्य का पर से पूर्णतया पृथक् अपना-अपना स्वरूप ज्ञात होता है। इसप्रकार सर्वथा भावैकान्त मानना मिथ्या है। २. अभावैकान्त : पदार्थों का सर्वथा अभाव/नास्तित्व ही स्वीकार करना, अभावैकान्त है। इस सर्वथा अभावैकान्त का निषेध करते हुए वे वहीं लिखते हैं - अभावैकान्तपक्षेऽपि, भावापह्नववादिनाम् । बोधवाक्यं प्रमाणं न, केन साधन-दूषणम् ॥१२॥ भाव का सर्वथा निषेध कर अभावैकान्त माननेवाले मतवादिओं के ज्ञान और वाक्य प्रामाणिक नहीं होंगे; क्योंकि वे सभी सर्वथा अभावरूप हैं, वास्तविक नहीं हैं। ऐसा होने पर वे किससे अपने मत की पुष्टि करेंगे और किससे अन्य के मत का निराकरण करेंगे। इसप्रकार इसमें कुछ भी जानना, कहना सम्भव नहीं होने से सर्वथा अभावैकान्त भी मिथ्या है। ३. उभयैकान्त : पदार्थों का एक दूसरे से सर्वथा निरपेक्ष भाव-अभाव - देवागम स्तोत्र (आप्तमीमांसा)/२२९
SR No.007197
Book TitleTattvagyan Vivechika Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalpana Jain
PublisherA B Jain Yuva Federation
Publication Year2008
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy