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श्री तत्त्वज्ञान तरंगिणी विधान
ध्वज गीत जिन शासन ध्वज श्रेष्ठ हमारा जिन ध्वज ऊँचा रहे हमारा | गूंजे चहुँ दिशि जय जयकारा || पंच महाव्रत रंग है न्यारा ।। धर्म अहिंसा सत्य शील अपरिग्रह व्रत अचौर्य है प्यारा || भेद ज्ञान की निधि पाएँगें, सम्यक् दर्शन उर लाएंगे, पर उपकार ह्रदय में धारा | जिन ध्वज ऊँचा रहे हमारा || स्वाध्याय की रुचि जागी है, मिथ्यामति पूरी भागी है, पूर्ण मोक्ष का लक्ष्य विचारा | जिन ध्वज ऊंचा रहे हमारा ||