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________________ कविवर द्यानतराय के साहित्य में प्रतिबिम्बित अध्यात्म चेतना भाव पूजा - परम भक्ति से अनन्त चतुष्टयादि गुणों के कीर्तन द्वारा त्रिकाल वन्दना करना निश्चय भावपूजा है। पंच नमस्कार मन्त्र का जाप करना तथा जिनेन्द्र का स्तवन अर्थात् गुणस्मरण करना ही भावपूजा है तथा पिण्डस्थ पदस्थ आदि चार प्रकार के ध्यान को भी भावपूजा कहा गया है। क्षेत्र पूजा - तीर्थंकरों की पंचकल्याणक भूमि में स्थित तीर्थ क्षेत्रों की पूर्वोक्त प्रकार से पूजा करना क्षेत्र पूजा है। 22 काल पूजा-तीर्थंकरों की पंचकल्याणक तिथियों के अनुसार पूजन करना तथा पूर्व के दिनों में विशेष पूजायें करना काल पूजा है। 18 द्यानतरायजी ने विभिन्न विषयों पर अनेक पूजनें लिखी हैं, उन्होंने पूजनों के माध्यम से देव - शास्त्र - गुरु, धर्म के दशलक्षण, रत्नत्रय, षोडशकारण, पंचमेरु, विद्यमान बीस तीर्थकर, सरस्वती अर्थात जिनवाणी, निर्वाण क्षेत्र एवं नन्दीश्वरद्वीप आदि विषयों पर आध्यात्मिक एवं सारगर्भित पूजनों की रचना की है। उनकी पूजनों का समीक्षात्मक अध्ययन नीचें प्रस्तुत है - (1) चौबीस तीर्थंकर पूजा- इसमें आदिनाथ से लेकर महावीर तक चौबीस तीर्थंकरों की संयुक्त रूप में अर्चना की गयी है। पूजन की स्थापना में कवि ने चौबीसों तीर्थंकरों का नाम लेकर नमन किया है - -- वृषभ अजित सम्भव अभिनन्दन सुमति पद्म सुपार्श्व जिनराय । चन्द्र पुहुप शीतल श्रेयांस जिन वासुपूज्य पूजित सुरराय ।। विमल अनन्त धर्म जस उज्ज्वल शान्ति कुन्थु अर मल्लि मनाय । मुनिसुव्रत नमि नेमि पार्श्व प्रभु वर्धमान पद पुष्प चढ़ाय || 20 द्यानतराय की पूजनों में गेयता, लयता विद्यमान है, जिसके फलस्वरूप ये पूजनें आज भी जैन भक्तों को कण्ठाग्र हैं । इस पूजन की जयमाला के अन्तिम पद में कवि ने चौबीस तीर्थंकरों को मुक्ति के दातार कहा है व जो भी उनको हृदय में धारण करता है, वह अवश्य शिव (मोक्ष) को प्राप्त करता है । (2) दशलक्षण पूजा या भाद्रपद पूजा - दशलक्षण का तात्पर्य दशधर्मों से है। इन्हें दशधर्मों के नाम से भी जाना जाता है। वे दश धर्म निम्न हैं - उत्तमक्षमामार्दवार्जवषौचसत्यसंयमतपस्त्यागाकिंचन्यब्रह्मचर्याणि धर्मः |21 अर्थात् उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग,
SR No.007148
Book TitleAdhyatma Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNitesh Shah
PublisherKundkund Kahan Tirth Suraksha Trust
Publication Year2012
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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