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GANESH AARTI
गणेश आरती
"जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ लडुअन को भोग लपो, संत करें सेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माये सिंदूर सोहें, मूसे की सवारी ॥ जय. अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥ जय. हार चढ़े पुष्प चढ़े और चढ़े मेवा ।। सूरदास शरण आयो, सुफल कीजे सेवा।। जय.
महामृत्युंजय मन्त्र (लघु) ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
महामृत्युंजय संजीवनी मन्त्र ॐ ह्रौं ॐ जूं ॐ सः ॐ भूः ॐ भुवः ॐ स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनं। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्। ॐ स्वः ॐ भुवः ॐ भूः ॐ सः ॐ जूं ॐ ह्रौं ॐ।
SAI GANÉSH, JAI GANÉSHJAI GANESH DEVÁ MÁTÁ JAAKI PÁRVATI, PITÁ MAHÁ DÉVÁ LADUVAN KO BHOG LAGAI, SANT KAREN SEVÁ EK DANT DAYAWANT, CHÁR BHUJÁ DHÁRI MÁTHE SINDOOR SOHÉ, MOOSE KI SAWÁRI ANDHAN KO ANKH DAIT, KODHIN KO KAYA BÁNJHAN KO PUTRA DAIT, NIRDHAN KO MÁYÁ HAAR CHADHAIN PUSHP CHADHAIN AUR CHADHAIN MÉVÁ SURDÁS SHARAN AYO SUFAL KEEJE SEWA
MAHA MRITYUNJAY MANTRA OM TRYAMBAKAM YAJAA MAHEY SUGANDHIM PUSHTI VARDHANAM URVAA RUKMIV BANDHANAM MRITYOR MUKSHIYA MAAMRITÁT
December 2006
HINDU SOCIETY OF NORTH CAROLINA CELEBERATION AND APPRICIATION (1976-2006)