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(H-4)
धोवन पानी : कुछ नारे
- डॉ. दिलीप धींग
धोवन पानी का उपयोग। रखता सबको स्वस्थ नीरोग।
धोवन जल का करें प्रचार | सुदृढ़ होगा जैनाचार।
प्रासुक अचित्त जल का पान। जैनों की है यह पहचान।
धोवन जल के कई आयाम। संयम, विवेक आदि नाम ।
पावन करता तन-मन जीवन। पीएँगें, रखेंगे धोवन।
जल बचाएँ, जीवन बचाएँ। धोवन का उपयोग बढ़ाएँ।
धोवन से घर शुद्ध बनेगा। श्रमणाचार विशुद्ध बनेगा।
कहते गुरुजन ज्ञानी ध्यानी। आओ ! पीएँ धोवन पानी।
धोवन पीएँ और पिलाएँ। निर्दोष जीवन अपनाएँ।
हमने दो बातों की ठानी। दिन में भोजन, धोवन पानी।
यदि घर में होगा धोवन जल । सन्त पदार्पण होगा सफल ।
जल जीवन, जीवन का झरना। जल का अपव्यय कभी न करना।
छोटा-सा नियम धोवन का। लाभ बड़ा इसके पालन का।
व्रत नियम तूं जीवांगा सा। धोवण पाणी पीवांगा सा।
अणुव्रत का अभ्यास है धोवन । महाव्रती की प्यास है धोवन।
पाणी मलै घणो दोरो। अनै फालतू मती ढोरो।
(साभार : जिनवाणी, नवम्बर 2008)
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